राष्ट्र सर्वोपरि, धर्म सर्वोपरि यह ध्येय लेकर कार्य करना काल की आवश्यकता है – सद्गुरु चारुदत्त पिंगळे
वर्तमान काल में हिन्दू समाज अपने मुलभूत अधिकारों के लिए जूझ रहा है, आज हिन्दुओं के सामने धर्मांतरण, लव जिहाद, गौ हत्या, पाश्चात्य विकृति का प्रभाव ऐसी अनेक समस्या खडी है। इन सभीं समस्याओं के समाधान तथा उपाय योजना के विचार मंथन हेतु फरीदाबाद क्षेत्र के विविध हिंदुत्वनिष्ठ , राष्ट्रप्रेमी संगठन, धर्मप्रेमी हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में उपस्थित थे। फरीदाबाद के सेक्टर 28 स्थित श्री रघुनाथ मंदिर में सनातन संस्कृति के अनुसार शंखनाद, वेद पठन एवं दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का आरम्भ हुआ ।
अधिवेशन में मार्गदर्शन करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु चारुदत्त पिंगले जी ने कहा आज आज एक एक समस्या लेकर छुडाने में अनेक वर्ष लग सकते है और हमारे हाथ में समय नहीं है। इसीलिए सभी समस्याओं को जड़ से हटाना है तो हमें संघटित रूप से धर्म आधारित हिन्दू राष्ट्र के स्थापना ले लिए कार्य करना आवश्यक है। १९४७ में भारत से गोरे अंग्रेज चले गए परन्तु वही व्यवस्था के अनुरूप कार्य करनेवाले काले अंग्रेजों का शासन शुरू है। गत 70 वर्षों से हिन्दुओं को धर्म विन्मुख बनाया गया। उसी के दुष्परिणाम आज व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन के साथ ही समाज एवं राष्ट्र जीवन में दिखाई दे रहे है। आज अपने व्यक्तिगत जीवन का समय त्याग कर राष्ट्र सर्वोपरि, धर्म सर्वोपरि यह ध्येय लेकर कार्य करने वाले हिन्दू इस अधिवेशन के माध्यम से इकट्ठा हुए है। हमें जब मैं, मेरा संगठन, पद, मान सम्मान इससे उठकर कार्य करेंगे तो ही सच्चे रूप में राष्ट्र और धर्म की सेवा हमसे हो सकती है। यह साध्य करने के लिए आज हिन्दुओं को साधना कर हमारी कुंडलिनी शक्ति जागृत करना आवश्यक है। जब समाज अपने धर्म तथा कर्तव्यों को छोड़ देता है तो बुरा समय शुरू हो जाता है। हिन्दू धर्म में ही हरेक मंत्र के अंत में ॐ शांति शांति शांति कहते हैं। यह केवल मन की शांति के लिए कहते है ऐसे नहीं परन्तु आधी दैविक, आधी भौतिक, आधी अध्यात्मिक ऐसे तीनों स्तर की अशांति दूर करने हेतु प्रयासों का संकल्प है। इससे हमारे ऋषि मुनियों की दूरदृष्टी तथा सनातन धर्म की महानता हमें ध्यान आती है। अन्य धर्मी अपने अपने पूजा स्थल पर जाने में गर्व महसूस करते हैं जबकि हिन्दुओं को मंदिर जाने में शर्म महसूस होती है। आज हम किस कारण से हिन्दू हैं यह हमें विचार करने की आवश्यकता है ।
श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के महंत तथा श्री.बांके बिहारी मंदिर, NIT फरीदाबाद के प्रधान ललित गिरी गोसाई जी ने बताया कि आज हिन्दुओं में संस्कार नहीं है, अपने धर्म का ज्ञान नहीं है, मंदिर नहीं जाते, जनेऊ नहीं पहनते, गायत्री मंत्र नहीं आता, हनुमान चालीसा नहीं आती, नमस्कार की जगह हाय हेलो करते हैं। क्या हिन्दुओं के संस्कार इस प्रकार के हैं कि उन वृद्धाश्रम खोलने पड़ रहे हैं। आज बच्चो को हम सस्कार नहीं देंगे तो हम भी दुखी रहेंगे
अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र शर्मा जी ने कहा राक्षस और देवता हमेशा से उपस्थित रहे हैं, आज अन्य धर्मी हर छोटे बड़े काम करने हेतु तैयार रहते हैं परन्तु हिन्दू छोटा काम करने में शर्म महसूस करता है। आज हिन्दुओं को इंजीनियर, डॉक्टर, वकील बनने की शिक्षा के साथ ही धर्म की शिक्षा लेना अत्यावश्यक है। हमारा धर्म और संस्कृति बचेगी तो हम बचेंगे यह ध्यान में लेना आवश्यक है ।
श्री बालाजी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन के संस्थापकअध्यक्ष श्री.जगदीश चौधरी जी ने बताया कि, सनातन नित्य नूतन है, आज हमें ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता है अज्ञान की नहीं। आज शिक्षण संस्थानों में जो सिखाया जा रहा है वो सभी अज्ञान है। मैकॉले ने भारत में ऐसी व्यवस्था पैदा कर दी कि व्यक्ति अपना चरित्र भूल जाए और गुरुकुल समाप्त हो जाएं। गुरुगोविंद जी के समय जान चली जाती थी लेकिन गर्दन नहीं झुकती थी परन्तु आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के कारण हमारी गर्दन झुकी ही रहती है ।
धर्म जागरण समन्वय के फरीदाबाद विभाग प्रमुख श्री. योगेंद्र कुमार जी ने बताया कि, आज लव जिहाद की जाल में फंसने वाली बच्चियों की संख्या बढ़ती जा रही है, लव जिहाद के कारण धर्मान्तरण ही नहीं बल्कि मतांतरण भी होता है, जो हमारे धर्म को छोड़ कर जाता है वो हमारा दुश्मन बन जाता है, आज जनसँख्या असंतुलन पैदा हो गया है और इसका कारण लव जिहाद है ।
ज्योतिषाचार्य भैरव वशिष्ठ जी ने कहा कि, आज हिन्दुओं को स्वयं भी जागृत होने की और समाज को भी जागृत करने की आवश्यकता है । आज सोशल मीडिया का उपयोग हिन्दू धर्म के प्रसार के लिए करने पर हिन्दू निश्चित ही जागृत होगा, और शीघ्र ही शक्ति परिवर्तन का समय आएगा । ज्योतिष शास्त्र में केवल आनेवाले कठिन काल के बारे में बताया ऐसे नहीं है, रक्षा के उपाय भी बताये है। आनेवाले कुछ वर्ष भीषण आपत्तियों से भरे है। सनातन संस्था द्वारा निर्मित संभावित आपत्काल से रक्षा हेतु ग्रन्थ पढकर मैं विशेष प्रभावित हूं ।
धर्म जागरण मंच की श्रीमती रेनू अग्रवाल जी ने बताया कि, आज हिन्दुओं में शौर्य जागरण की आवश्यकता है, भारत वीरों की भूमि है, इसी धरती पर महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज जैसे वीर पैदा हुए हैं। शौर्य के अभाव कारण आज हिन्दू पिट रहा है। जब हनुमान जी को आभास कराया गया कि आप लंका जा सकते हो समुद्र लांघ सकते हो तब उन्हें शक्ति का एहसास हुआ ऐसे ही आज हिन्दुओं को भी उनकी शक्ति का अहसास करवाने की आवश्यकता है। आज हर हिन्दू का कर्तव्य है की अपने धर्म और राष्ट्र के लिए न्यूनतम 1 घंटा दे ।
हिन्दू जागरण मंच के वीरांगना वाहिनी की प्रांत सहसंयोजिका अधिवक्ता दीप शिखा भारद्वाज जी ने लिव इन रिलेशनशिप क़ानून से हो रही हानि और उससे बचाव हेतु हिन्दू धर्म का आचरण, संस्कारों की और ध्यान देना ऐसे मार्गदर्शन कर जागृति की ।
रणरागिनी शाखा की श्रीमती संदीप मुंजाल जी ने कहा कि, आज क्रिस्चियन के 152 देश हैं , 52 इस्लामिक देश है बौद्धों के भी 12 देश हैं परन्तु हिन्दुओं का एक भी देश नहीं है। हिन्दू राष्ट्र की मांग करना और उसके लिए कार्य करना यह हर हिन्दू का संवैधानिक अधिकार है ।
हिन्दू जनजागृति समिति के श्री.कार्तिक सालुंखे ने हलाल सर्टिफिकेट के सन्दर्भ में बताया कि एक धर्म विशेष किस प्रकार से सामानांतर अर्थव्यवस्था खड़ी कर रहा है । हलाल सर्टिफिकेट देने वाले संगठन आतंकवादीयों को कानूनी एवं आर्थिक सहाय्यता दे रहे। हलाल सर्टिफिकेट के विषय में जागृति, प्रबोधन और उसका विरोध करना राष्ट्र का रक्षण करने समान ही है ।
इस कार्यक्रम में हिन्दू धर्म की शिक्षा देने वाली फ्लेक्स प्रदर्शनी भी लगाई गई साथ की ग्रन्थ प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस ग्रन्थ प्रदर्शनी में आपातकाल का सामना कैसे करें यह ग्रन्थ आकर्षण का केंद्र रही ।