बंगलुरु में मिशनरी विद्यालय में बच्चों को बाइबल पढाने का प्रकरण
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने पुष्टि की है कि राज्य सरकार जबरन बाइबल पढाने को लेकर विद्यालय को नोटिस भेजेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, कर्नाटक शिक्षा अधिनियम के अनुसार विद्यालयों को किसी भी शैक्षणिक संस्थान में किसी भी धार्मिक पुस्तक को थोपने का कोई अधिकार नहीं है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी कहा कि, कर्नाटक में पंजीकृत किसी भी संस्थान को पाठ्यक्रम और निर्देश का पालन करना होगा और किसी को भी अपनी धार्मिक पुस्तकों को पढ़ने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।
Whatever decision was taken by the school is wrong. It is against rules. Karnataka State Education Act clearly says that no school can teach religious books or practices. Don't know why the school forced students to take Bible along: Karnataka Education Minister BC Nagesh https://t.co/ienudzejCS pic.twitter.com/p42wZnalbj
— ANI (@ANI) April 26, 2022
बता दें कि, हिंदू जनजागृति समिति द्वारा आरोप लगाया गया है कि, बेंगलुरु में क्लेरेंस हाई विद्यालय गैर-ईसाई छात्रों को विद्यालय में अनिवार्य रूप से बाइबल पढ़ने के लिए मजबूर कर रहा है।
मंत्री ने कहा, ‘विद्यालय ने किया यह गलत काम, हम विद्यालय को नोटिस जारी करने जा रहे हैं’ ।
The school has clearly specified Bible on its website. A reply is awaited…Will take action after seeking opinion from legal department: Karnataka Education Minister BC Nagesh pic.twitter.com/XJVNET2LVP
— ANI (@ANI) April 26, 2022
राज्य के शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि, उनका विभाग कार्रवाई करने जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम नोटिस जारी करने जा रहे हैं और जवाब मांगेंगे और अंत में कानूनी विभाग से सुझाव लेंगे। भगवद गीता एक धार्मिक पुस्तक नहीं है, यह भगवान और देवताओं की पूजा के बारे में कुछ भी नहीं सिखाती है, हमें कुरान के साथ भगवद गीता की तुलना नहीं करनी चाहिए। बाइबिल यह ईसाईयों का धार्मिक पुस्तक हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि, लोग बाइबल को स्वीकार करने से ईसाई बनते हैं और कुरान को स्वीकार करने से मुसलमान और किसी को भी ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। भगवद गीता कृष्ण द्वारा अर्जुन को दी गई एक स्पष्टता है। उन्होंने आगे कहा, “हम भगवद गीता को कक्षाओं में नहीं बल्कि विद्यालयों में नैतिक विज्ञान की कक्षाओं में पेश कर रहे हैं। नैतिक विज्ञान में क्या होगा यह विशेषज्ञ समिति द्वारा तय किया जाएगा।
स्रोत : भारत रिपब्लिक