Menu Close

भगवा पहनने और ब्रह्मदण्ड के कारण जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल में जाने से रोका

उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल में भगवा कपडे और धर्म दंड के कारण जगद्गुरु परमहंसाचार्य को जाने से रोक दिया गया।

अयोध्या छावनी के रहने वाले संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य अपने तीन शिष्यों के साथ मंगलवार को ताज देखने पहुंचे तो उत्तरप्रदेश पुलिस के जवानों ने पूरे सत्कार के साथ उन्हें ताज के प्रवेश द्वार तक जाने वाली गोल्फ कार्ट में बैठाया, लेकिन प्रवेश द्वार पर मौजूद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने उनके साथ बेरुखी अपनाई।

बताया जाता है कि, संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य ताजमहल में दबी शिवलिंग देखने पहुंचे थे। वे अपने शिष्यों के साथ अलीगढ के एक भक्त परिवार से मिलने आए थे। वहां से चलकर वे ताजमहल देखने आए। उनके साथ सरकारी गनर भी थे। उनके शिष्य ने बताया कि श्मशानघाट चौराहे से जब वे ताजमहल के लिए निकले तो वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने परिचय जानकर उन्हें गोल्फ कार्ट में बैठाकर पश्चिमी गेट भेजा।

शाम करीब साढ़े पांच बजे संत अपने शिष्यों के साथ ताजमहल में प्रवेश करने लगे तो वहां मौजूद सीआईएसएफ और अन्य कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया। उनके भगवा पहने होने के कारण प्रवेश न देने की बात कही गई और उनके टिकट लेकर अन्य पर्यटकों को बेच दिए गए। उनका पैसा लौटा कर वापस भेज दिया गया। आरोप है कि, उनके शिष्य ने जब फोटो खींचने का प्रयास किया तो मोबाइल फोन छीन कर फोटो डिलीट कर दिए गए।

विवाद बढने पर पुलिस अधिकारियों ने क्षमा मांग ली है। इस घटना के विरोध में हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने एएसआई का पुतला फूंकने की भी कोशिश की।

जो लोग दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो

जगद्गुरु परमहंसाचार्य के शिष्य ने कहा कि, ताजमहल पर भगवा को भी प्रवेश मिलना चाहिए और जो लोग दोषी हैं, जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद आर के पटेल ने कहा कि, भगवा कपड़े पहने व्यक्ति को सीआईएसएफ ने रोका था और इसका कारण यह था कि वे अपने साथ लोहे का एक डंडा लिए थे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें डंडा वहीं रख कर जाने को कहा, पर वे तैयार नहीं हुए। ताजमहल पर किसी भी तरह का प्रचार प्रतिबंधित है। धार्मिक वेशभूषा जैसे टोपी, कुछ लिखे अंगवस्त्र व किसी भी जगह की वेशभूषा पर रोक नहीं है, इसके बावजूद कई मामले ऐसे आ चुके हैं।

मथुरा, अयोध्या और काशी में ब्रह्मदंड को किसी ने नहीं रोका

परमहंसचार्य के शिष्य परमहंस ने बातचीत में बताया कि, मथुरा, अयोध्या और काशी पर जहां मोबाइल ले जाना भी मना है, वहां भी ब्रह्मदंड को कभी किसी ने नहीं रोका। ब्रह्मदंड लोहे का नहीं लकडी का होता है। इसके साथ ही भगवा के कारण अंदर जाने से रोकना चिंताजनक है।

स्रोत : लाइव हिन्दुस्थान

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *