भारत ‘सेक्यूलर’ (धर्मनिरपेक्ष) देश हैं, तो इस देश में ‘अल्पसंख्यक’ यह विचार ही अनुचित है ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
करनाल (हरियाणा) : भारत में हिन्दू बहुसंख्यक हैं; इसलिए हिन्दुओं को शांत रहना चाहिए, ऐसा बोला जाता है । कश्मीर में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं; इसलिए वहां उनका दमन किया जाता है । पाकिस्तान में भी हिन्दू अल्पसंख्यक होने से वहां भी उनका दमन किया जा रहा है । इसका अर्थ चाहे हिन्दू अल्पसंख्यक हों अथवा बहुसंख्यक; परंतु हिन्दुओं को किसी भी स्थिति में अपने अधिकारों की बात नहीं करनी चाहिए और उन्हें शांत बने रहना चाहिए, ऐसा ही बोला जाता है । भारत यदि हिन्दू राष्ट्र नहीं, अपितु सेक्यूलर (धर्मनिरपेक्ष) राष्ट्र है, तो भारत में ‘अल्पसंख्यक’, इस शब्द का कोई अर्थ ही नहीं रह जाता, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां के सेक्टर ८ में सारस्वत ब्राह्मण सभा में हाल ही में प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आयोजन किया गया था, उसमें मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।
इस अधिवेशन का आरंभ सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठनमंत्री श्री. ऋषिपाल शास्त्री और सारस्वत ब्राह्मण सभा के प्रमुख श्री. सुभाष शर्मा के हस्तों दीपप्रज्वलन से हुआ । उसके उपरांत हिन्दू राष्ट्र के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के संदेश का वाचन किया गया । समिति के श्री. नरेंद्र सुर्वे ने अधिवेशन का उद्देश्य स्पष्ट किया, तो श्री. कार्तिक साळुंके ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया । इस अधिवेशन में करनाल और पानिपत से अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, गोरक्षक, पुरोहित, सामाजिक कार्यकर्ता और मंदिरों के न्यासी उपस्थित थे ।