कुडाळ : काल के अनुसार साधना समझ लेकर की, तो उससे जीवन सफल बनेगा । साधना के कारण जीवन में आमूलचाल परिवर्तन आता है, इसे सनातन के ११९ संतों ने उनकी जीवनयात्रा से दिखा दिया है । आज का यह काल लय की ओर अग्रसर है । अब युगपरिवर्तन होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होनेवाली है । आज के समय में साधना का आधार न होन से हिन्दू धर्मांतरित हो रहे हैं, ऐसा मार्गदर्शन सनातन की धर्मप्रसारक सद्गुरु सुश्री (कु.) स्वाती खाडयेजी ने हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां आयोजित हिन्दू राष्ट्र संगठन कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर किया।
कुडाळ तहसील के पिंगुळी स्थित प.पू. राऊळ महाराज समाधि मंदिर के सभागार में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था । २३ अप्रैल को सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु सुश्री (कु.) स्वाती खाडयेजी, सद्गुरु सत्यवान कदमजी और हिन्दू जनजागृति समिति के पश्चि महाराष्ट्र, कोंकण एवं गोवा राज्य समन्वयक श्री. मनोज खाडये के हस्तों दीपप्रज्वलन कर कार्यशाला का उद्घाटन किया । उसके उपरांत गोवा की धर्मप्रेमी श्रीमती गीता कवळेकर ने सद्गुरु स्वाती खाडयेजी को सम्मानित किया तथा गोवा के उद्यमी तथा धर्मप्रेमी श्री. प्रदीप कोरगांवकर ने सद्गुरु सत्यवान कदमजी एवं श्री. मनोज खाडये को सम्मानित किया ।
कानून में उल्लेखित सीमा से ऊंची आवाज में भोंपु कैसे बजते हैं ? – मनोज खाडये
इस अवसर पर ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता’ विषय पर श्री. मनोज खाडये ने कहा, ‘‘भारत भले ही स्वतंत्र हुआ हो, तब भी आज भी भारत में ब्रिटिशकालीन कानूनों का अस्तित्व है । हम अभी भी वर्ष १८६० में बने कानूनों का उपयोग करते हों, तो हम स्वतंत्र हैं अथवा गुलामी में हैं ?, इस पर हमें विचार करना चाहिए । ध्वनिप्रदूषण कानून में उल्लेखित ध्वनिसीमा से अधिक ऊंची आवाज में भोंपू कैसे बज रहे हैं ? संविधान में संशोधन कर संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द को घुसाते समय राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया था । तब लोकसभा और राज्यसभा स्थगित होते समय भी संविधान में यह संशोधन कैसे हुआ ?, यह प्रश्न है ।
भारत के संविधान में परिवर्तन कर देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित क्यों नहीं किया जाता ? : श्री. सत्यविजय नाईक
हिन्दू जनजागृति समिति के दक्षिण गोवा समन्वयक श्री. सत्यविजय नाईक ने कहा, ‘‘हिन्दू राष्ट्र का विचार हमें प्रत्येक हिन्दूतक पहुंचाना है । इससे पूर्व भी अनेक लोगों ने हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना रखी थी; परंतु आज का हिन्दू समाज इस विषय को भूलता जा रहा है । सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी पुनः एक बार हिन्दू राष्ट्र का विषय आगे ले आए हैं । उन्होंने आध्यात्मिक स्तर पर हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना रखी और उसके माध्यम से ही आज यह कार्य तीव्रगति से चल रहा है । हिन्दू राष्ट्र ! संपूर्ण विश्व के कल्याण का विचार करनेवाला सत्वगुणी राज्य है हिन्दू राष्ट्र ! आज हिन्दू राष्ट्र संविधानविरोधी होने की बात कहकर उसका विरोध किया जा रहा है; परंतु अभीतक संविधान में ११० संशोधन किए गए हैं । उसमें सेक्युलैरिजम (धर्मनिरपेक्षता) शब्द अंतर्भूत किया गया, तो संविधान में और एक संशोधन कर देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया, तो उससे क्या अंतर आनेवाला है ? हिन्दू राष्ट्र का विषय व्यापक विचार करनेवाला है । ऐसे हिन्दू राष्ट्र के लिए सभी को एकत्रित आना चाहिए ।’’