वैशाख शुक्ल ११, कलियुग वर्ष ५११५
इंडोनेशियामें वर्ल्ड हिंदू सम्मिटका आयोजन
मुंबई : इंडोनेशियामें १३ से १७ जून २०१३ इस कालावधिमें वर्ल्ड हिंदू सम्मिटका आयोजन किया गया है । उसके लिए हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक तथा सनातनके पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेको निमंत्रित किया गया है । ठाणेमें होनेवाले विश्व हिंदू समन्वय विचार नामक संस्थाके अधिवक्ता राजेश मुधोळकर भी इस परिषदके लिए उपस्थित रहेंगे ।
डेनपासर बाली इस स्थानपर होनेवाले इस परिषदके लिए इंडोनेशियाके बाली राज्यशासन, इंडोनेशिया हिंदू धर्म परिषद, बाली ग्रामीण संस्कृति परिषद, गुरुकुल परिषद, इंडोनेशिया आश्रम परिषद आदि संगठन आयोजकके रूपमें कार्यरत हैं । १५ जून २०१३ को बाली कला महोत्सवके अनावरणके अवसरपर इंडोनेशियाके राष्ट्रपतिकी उपस्थितिमें विश्व हिंदू परिषदकी स्थापन की जाएगी ।
विश्व स्तरपर हिंदू संगठन स्थापित करनेकी रूपरेखा निश्चित की जाएगी !
पांच दिनोंतक चलनेवाले वर्ल्ड हिंदू सम्मिटके लिए पूरे विश्वके हिंदू संगठनोंको आमंत्रित किया गया है । विश्व हिंदू परिषदके इस आगामी कार्यक्रमके आयोजनके विषयमें सामूहिकरूपसे विचारमंथन किया जाएगा । साथ ही धर्मपरिवर्तन, अन्य धर्मियोंका आतंकवाद इन विषयोंकी ओर देखनेका दृष्टिकोण, आयुर्वेद तथा पर्यावरण आदि महत्त्वपूर्ण विषयोंपर चर्चासत्रोंका आयोजन किया गया है ।
पिछले वर्ष विश्व हिंदू परिषदमें किए गए कुछ महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव !
पिछले वर्ष ९ से १२ जून २०१२ इस कालावधिमें यहां पहली वर्ल्ड हिंदू सम्मिट आयोजित की गई थी । उस समय निम्नलिखित प्रस्ताव सम्मत किए गए थे ।
-
हिंदू धर्ममें विद्यमान सत्यम् शिवम् सुंदरम् इस संस्कृतिका विश्व स्तरपर प्रसारण करना
-
हिंदू धर्मशास्त्रमें विद्यमान मानवीयमूल्यका महत्त्व विश्व स्तरपर गले उतारना
-
विश्व हिंदू परिषदकी स्थापना करना । (इसी दृष्टिकोणसे इस वर्षके वर्ल्ड हिंदू सम्मिटमें विश्व हिंदू परिषदकी स्थापना हो रही है । )
हिंदू जनजागृति समितिका कार्य विश्व स्तरपर पंजीकृत किया जाएगा !
इस परिषदमें हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे ‘विश्वकल्याणार्थ हिंदू धर्मसंस्कृतिका प्रसार’ इस विषयपर उपस्थित व्यक्तियोंको संबोधित करेंगे । आजतक हिंदू जनजागृति समिति केवल भारतभरमें हिंदुओंका संगठन करनेकी दृष्टिसे कार्यरत थी; किंतु अब वर्ल्ड हिंदू सम्मिटमें सम्मिलित होनेके कारण समितिद्वारा हिंदुओंके विश्व संगठनकी दृष्टिसे भी प्रयास आरंभ होंगे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात