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वाराणसी : टोपी पहन ईद मुबारक बोलते वीडियो भेजने पर अधिक अंक मिलने का विद्यालय द्वारा प्रलोभन, हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया विरोध

अभिभावकों ने मुख्यमंत्री से की शिकायत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विहिप तथा हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा भी विरोध कर कार्यवाही की मांग

प्रयागराज – ईद के अवसर पर न्यायनगर पब्लिक विद्यालय झूंसी ने अपने विद्यार्थियों के लिए एक्सट्रा कैरीकुलम एक्टीविटी का आयोजन किया था। इसके तहत छात्रों को कुर्ता, पैजामा और टोपी पहन ईद मुबारक बोलते हुए वीडियो बनाकर विद्यालय ग्रुप में शेयर करने का निर्देश दिया है। छात्राओं को सलवार, कुर्ता, दुपट्टा पहनकर यह प्रस्तुति देनी है। इस पर हिन्दू अभिभावकों ने आपत्ति जताई। विद्यालय की ओर से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि जो विद्यार्थी इस गतिविधि में हिस्सा लेंगे उन्हें वार्षिक परीक्षा में कुछ अंक भी दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, डीएम और पुलिस को किया ट्वीट

रविवार को संदीप पाठक के ट्विटर हैंडिल से यह मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्त नंदी, जिलाधिकारी व उत्तर प्रदेश पुलिस को ट्वीट किया गया। प्रकरण को तुरंत संज्ञान में लेते हुए प्रयागराज पुलिस के ट्विटर हैडल से ट्वीट हुआ कि थाना प्रभारी झूंसी जांचकर आवश्यक कार्रवाई करें। इस मामले में झूंसी इंस्पेक्टर यशपाल ने बताया कि पूरे मामले की जांच की गई है। एक्सट्रा कैरीकुलम एक्टीविटी के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले छात्र छात्राओं के लिए ऐसा कहा गया था। छात्रों से भी बात की गई है जिस पर उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई है।

आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक व गंगा समग्र के प्रांत संगठन मंत्री अम्बरीश ने कहा कि, विद्यालय को इस तरह का निर्देश देना गलत है। यह अपराध की श्रेणी में आता है। दीपावली, दशहरा, होली जैसे पर्व पर होने वाले आयोजनों की तुलना इससे नहीं की जा सकती। श्रीराम और कृष्ण हमारी संस्कृति में रचे बसे हैं। हमारे आदर्श पुरुष हैं। बच्चा बच्चा उनका अनुकरण करता है। विद्यालय के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसी क्रम में विहिप ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार ने जिलाधिकारी प्रयागराज एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि विद्यालय में सभी धर्म के बच्चे पढ़ते हैं इसलिए वहां पर किसी विशेष धर्म के क्रियाकलाप के लिए छात्रों को निर्देशित न किया जाए। लोकतांत्रिक राष्ट्र में सभी धर्म के लोगों को अपनी इच्छा अनुसार त्योहार मनाने की स्वतंत्रता है। आवश्यकता पड़ने पर संगठन के पदाधिकारी कल विद्यालय में पहुंचकर प्रबंध तंत्र से इस क्रियाकलाप को रोकने के लिए कहेंगे।

प्रयागराज के न्‍यायनगर पब्‍लिक विद्यालय पर कठोर कार्यवाही की जाए !- हिन्‍दू जनजागृति समिति

हिन्‍दू छात्रों को ईद मुबारक बोलकर वीडियो भेजने पर अधिक अंक मिलने का प्रलोभन देना मानसिक धर्मांतर है !

ईद के अवसर पर न्‍यायनगर पब्‍लिक स्‍कूल झूंसी द्वारा अपने छात्रों को कुर्ता, पायजामा और टोपी पहन ईद मुबारक बोलते हुए वीडियो बनाकर विद्यालय के ग्रुप में भेजने का निर्देश दिया गया, यह धार्मिक स्‍वतंत्रता का हनन है । विद्यालय की ओर से यह निर्देश देना कि जो विद्यार्थी इस गतिविधि में सम्‍मिलित होंगे उन्‍हें वार्षिक परीक्षा में कुछ अंक भी दिए जाएंगे यह एक प्रकार से मानसिक धर्मांतर करने के समान है । क्‍या विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. बुशरा मुस्‍तफा के दबाव के कारण इस प्रकार मुस्‍लिम प्रथा का अनुकरण करने पर अंक बढाने का प्रलोभन दिया जा रहा है, इसकी गहन जांच होनी आवश्‍यक है, इस लिए न्‍यायनगर पब्‍लिक स्‍कूल झूंसी पर कठोर कार्यवाही करके इस प्रकार का साहस अन्‍य किसी विद्यालय मे न किया जाए, ऐसी मांग हिन्‍दू जनजागृति समिति ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथजी से की है ।

सभी छात्र कम आयु के होने के कारण इस प्रकार जबरन कृति थोंपने के बारे में उनका अभिमत इस विषय में महत्‍वपूर्ण नहीं है । लोकतांत्रिक राष्‍ट्र में सभी धर्म के लोगों को अपनी इच्‍छा अनुसार त्‍योहार मनाने की स्‍वतंत्रता है। किसी भी शैक्षणिक संस्‍थान में इस प्रकार विशिष्ट धार्मिक पोशाक एवं प्रथा को अन्‍य धर्मियों पर थोपना यह दंडनीय अपराध है । इसके पूर्व दक्षिण भारत में भी कॉन्‍वेंट विद्यालयों में बाइबिल पढाना अनिवार्य किया जा रहा है । तमिलनाडु में लावण्‍या जैसी छात्राओं ने विद्यालय में मानसिक जबरन धर्मांतर के कारण आत्‍महत्या की है । बाईबल पढेंगे तो परीक्षा में और अंक मिलेंगे ऐसे प्रलोभन भी दिखाया जा रहा है ।

जिस प्रकार योगी सरकार ने दंगाईयों के विरोध कडी कार्यवाही करके जनता के मन में विश्‍वास निर्माण किया है, उसी प्रकार उक्‍त घटना में जांच कर विद्यालय पर कठोर कार्यवाही होगी ऐसी हमें आशा है ।

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