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मध्यप्रदेश के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा भगवान परशुराम का पाठ, जल्द भरे जाएंगे संस्कृत शिक्षकों के पद

भोपाल – मध्य प्रदेश में अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संस्कृत विद्वान तैयार करने के लिए संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती शुरू करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने भोपाल में आज परशुराम प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में कहा, धर्म के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए  के शिक्षकों की भर्ती करना जरूरी है। सरकार ने अभी तक 19०० शिक्षकों की भर्ती की है। लेकिन बाकी बचे पदों पर जल्दी भर्ती की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। जब तक भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं होती तब तक अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।

पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षा के पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम के जीवन चरित्र को शामिल करने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा,  भगवान परशुराम से जुड़े जीवन पाठ को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा ताकि बच्चे परशुरामजी के चरित्र से अभिज्ञ हो सकें। मुख्यमंत्री ने पाठ्यक्रम समिति को इस संबंध में निर्देश जारी करने की बात कही है।

मंदिर के पुजारियों का मानदेय बढा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मठ मंदिरों के पुजारियों का मानदेय बढाने की भी घोषणा की है। सरकार ने अब इसे बढ़ाकर ₹5000 प्रतिमाह कर दिया है। मुख्यमंत्री ने गुफा मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में ये घोषणा की। उन्होंने कहा मंदिरों से लगी जमीन को अब सरकार नीलाम नहीं करेगी। इसका अधिकार पुजारियों को दिया जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा है कि मठ मंदिरों की जमीन बिकना नहीं चाहिए। इसके लिए संत और विद्वानों की कमेटी बनाई जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को अब स्कॉलरशिप देने का भी ऐलान किया है। दूसरे वर्ग के छात्रों की तरह संस्कृत की पढ़ाई करने वाले छात्रों को सरकारी छात्रवृत्ति देगी।

स्रोत : न्यूज १८

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