सत्पुरुषों को दान देकर आध्यात्मिक लाभ उठाइए ! – पू. रमानंद गौडाजी, सनातन संस्था
बेंगलुरू (कर्नाटक) – अक्षय्य तृतीया का दिन भगवान परशुराम का जन्मदिवस है । इस दिन वेदव्यासजी ने श्रीगणेश को महाभारत का कथन किया था । अक्षय्य तृतीया किसी युग की भांति पुरानी है । यह त्योहार संपूर्ण विश्व के सभी विशेषकर जैन और बौद्धपंथीय भी मनाते हैं । इस तिथि के दिन किए हुए दान और यज्ञ का क्षय नहीं होता; परंतु जब हम दान देते हैं, वह सत्पात्र होना चाहिए । अध्यात्मप्रसारसहित राष्ट्र एवं धर्म के लिए कार्य करनेवाली संस्थाओं को दान देना सत्पात्र दान है; इसलिए सत्पुरुषों को दान दीजिए और उसका आध्यात्मिक लाभ उठाइए, ऐसा मार्गदर्शन सनातन संस्था के धर्मप्रचारक पू. रमानंद गौडा ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से अक्षय्य तृतीया के उपलक्ष्य में ऑनलाइन पद्धति से आयोजित विशेष कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे । इस कार्यक्रम का ३ सहस्र ५०० से अधिक जिज्ञासुओं ने लाभ उठाया ।