‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ की ओर से ‘गोवा फाइल्स’ खोल दी गईं !
पणजी : ‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ के आज के कार्यक्रम की जानकारी देने हेतु आयोजित पत्रकार परिषद के उपरांत इस कार्यक्रम का विरोध आरंभ हुआ । बहुसंख्यक हिन्दू देश में सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर मस्जिदों से अजान देकर ध्वनिप्रदूषण किया जाताहै; परंतु प्रभु श्रीरामचंद्र की शोभायात्रा नहीं निकाली जा सकती । क्या धार्मिक सौहार्द अबाधित रखने का दायित्व अकेले हिन्दुओं का ही है ? गोवा में इन्क्विजिशन के माध्यम से किए गए अत्याचारों के विषय में ‘गोवा फाइल्स’ तैयार हो रही हैं । ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म के कारण कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए अत्याचार उजागर हुए । जो न्याय कश्मीरी हिन्दुओं को मिलता है, वही न्याय गोवा के हिन्दुओं को क्यों न मिले ?
गोवा के पडोस में स्थित कारवार, गोकर्ण आदि क्षेत्रों में सैकडों वर्ष पुराने मंदिर हैं; परंतु गोवा में ऐसी स्थिति नहीं है; क्योंकि पोर्तुगीजों ने गोवा के मंदिर नष्ट कर दिए, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने यहां किया । ‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी की ओर से ३ मई को परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में पणजी के गोमंतक मराठा सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में गोवा के हिन्दुओं और ईसाईयों के पूर्वजों पर किए गए अमानवीय अत्याचारों और बडे वंशसंहार की जानकारी देनेवाली ‘गोवा फाइल्स’ जनता के लिए खोल दी गईं । इस कार्यक्रम में श्री. रमेश शिंदे प्रमुख अतिथि के रूप में ऐसा बोल रहे थे । इस कार्यक्रम के अंतर्गत ३ से २२ मई इस २० दिवसीय जागृति अभियान का भी शुभारंभ किया गया ।
‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ के निमंत्रक प्रा. सुभाष वेलिंगकर द्वारा ‘फ्रान्सिस जेवियर गोयंचो सायब’ (गोवा का साहब) नहीं हो सकता’, इस वक्तव्य का कुछ ईसाई नेताओं ने विरोध किया था । उनके इस वक्तव्य के कारण प्रा. सुभाष वेलिंगकर के विरोध में गोवा के २ स्थानों पर पुलिस में शिकायतें प्रविष्ट की गईं । इस विरोध की चिंता न करते हुए ‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ के निमंत्रक प्रा. सुभाष वेलिंगकर ने ३ मई को किसी भी स्थिति में कार्यक्रम लेने की घोषणा की थी ।
उसके उपरांत गोवा के समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधियों और हिन्दुत्वनिष्ठों ने पत्रकार परिषद लेकर और सामाजिक माध्यमों से वीडियो प्रसारित कर ‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ का कार्यक्रम और प्रा. सुभाष वेलिंगकर का खुला समर्थन दिया था । इस कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे का प्रमुख मार्गदर्शन हुआ । इस कार्यक्रम में व्यासपीठ पर प्रा. सुभाष वेलिंगकर, डॉ. सूरज काणेकर, ‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’के सहनिमंत्रक श्री. संदीप पाळणी, राज्य संयोजक एवं सुकाणू समिति के सदस्य प्रा. प्रवीण नेसवणकर, श्री. नितीन फळदेसाई, सनातन संस्था की श्रीमती शुभा सावंत, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गोविंद चोडणकर आदि मान्यवर उपस्थित थे ।
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे और अन्य मान्यवरों के हस्तों दीपप्रज्वलन होने के उपरांत कार्यक्रम का आरंभ हुआ । कार्यक्रम के अंत में ‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ के राज्य संयोजक तथा सुकाणू समिति के सदस्य प्रा. प्रवीण नेसवणकर द्वारा रखे गए प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए । अंत में डॉ. सूरज काणेकर ने आगामी कार्यक्रमों के विषय में उपस्थित लोगों को अवगत किया । प्रा. सुभाष वेलिंगकर ने कार्यक्रम का प्रास्ताविक किया, ‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ के श्री. नितीन फळदेसाई ने सूत्रसंचालन किया, उपस्थित मान्यवरों का परिचय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गोविंद चोडणकर, तो सनातन संस्था की श्रीमती शुभा सावंत ने आभारप्रदर्शन किया ।
हिन्दुओं के लिए आत्मीयता का विषय ! – प्रा. सुभाष वेलिंगकर
‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ की ओर से ‘गोवा फाइल्स’ को खोलने का विषय अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित है । ‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ का यह कार्यक्रम न हो; इसके लएि मेरे विरुद्ध पुलिस में शिकायतें प्रविष्ट की गईं; परंतु तब भी परमेश्वर का अधिष्ठान होने से यह कार्यक्रम हो सका । इसका विरोध करनेवाले लोग ‘गोवा फाईल्स’ पर नहीं बोलते । राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत मुझे हिरासत में लेने की मांग की गई । हम ईसाईयों के विरोध में नहीं है, साथ ही हिन्दू समाज कभी दंगें नहीं करता । गोवा के ईसाईयों और हमारा डी.एन्.ए. एक ही है । फ्रान्सिस जेवियर ईसाईयों के लिए संत हो सकते हैं और उनके ऐसा मानने पर हमारी कोई आपत्ति भी नहीं है; परंतु ‘इन्क्विजिशन’ के माध्यम से अमानवीय उत्पीडन करनेवाले और पोर्तुगीजों की रक्षा के लिए काम करनेवाले को हम ‘गोयं का सायब’ कैसे कह सकते ? राष्ट्रप्रेम सबसे महत्त्वपूर्ण है । गोवा के कुछ लोग गोवा में हिन्दुओं और ईसाईयों के एकत्रित आने का विरोध करते हैं । गोवा के राष्ट्रवाद के जनक डॉ. टी.बी. कुन्हा ने इसे ‘गोमंतकियों का अराष्ट्रीयीकरण करना’ कहा है । आजकल गोवा में पोर्तुगीज कैसे अच्छे थे ?’, यह बताने की मानो प्रतियोगिता ही चल रही है ।’’