Menu Close

हिन्दुत्व को फासीवाद से जोडने संबंधी प्रश्न पूछनेवाले शारदा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वकास फारूख निलंबित

Update

शारदा यूनिवर्सिटी में B.A. पॉलिटिकल साइंस की प्रश्नपत्रिका में हिंदुत्व की नाझीवाद से तुलना करनेवाला प्रश्न पूछनेवाले असिस्टेंट प्रोफेसर वकास फारुख को निलंबित किया गया है । विश्वविद्यालय ने एक बयान जारी करके पूरे प्रकरण पर खेद व्यक्त किया गया है और क्षमा भी मांगी गई है ।

प्रश्नपत्रिका में हिंदुत्व की नाझीवाद से तुलना, शारदा विश्वविद्यालय की प्रश्नपत्र बनानेवाली समिति निलंबित

नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय के प्रश्न पत्र में हिन्दुत्व की तुलना फासीवादी और नाजीवादी से करने पर उठे विरोध के बाद विश्वविद्यालय ने कडी कार्यवाही की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रश्नपत्र बनाने वाली समिति के ३ सदस्यों को निलंबित कर दिया है।

शारदा विश्वविद्यालय ने यह कार्यवाही 6 मई 2022 (शुक्रवार) को लिया। साथ ही विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट ने उस प्रश्नपत्र के लिए लोगों से क्षमा भी मांगी है। हालांकि प्रश्नपत्र बनाने वाले का नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

अपने ट्वीट में विश्वविद्यालय ने आगे कहा, “विश्वविद्यालय प्रशासन हर उस लाइन से कोई संबंध नहीं रखती जो किसी भी राष्ट्रीय पहचान या संस्कृति के विरोध में हो। हम भारत के सच्चे और स्वर्णिम रूप को दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इस विवादित पेपर के पांचवें नंबर पर प्रश्न किया गया था कि, धर्मान्तरण के मूल कारण क्या हैं ? वहीं, छठे नंबर पर पूछा गया था – ”क्या आपको नाजीवादी, फासीवादी और हिंदुत्व में कोई समानता दिखती है ?” प्रश्न पत्र में दोनों सवालों को विस्तार से बताने के लिए कहा गया था।

भाजपा नेता विकास प्रीतम सिन्हा ने इसकी फोटो कॉपी ट्वीट करते हुए उसमें पूछे गए एक प्रश्न को आपत्तिजनक बताया था। भाजपा नेता ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, धर्मेंद्र प्रधान और शलभमणि त्रिपाठी को टैग किया था। इस पेपर के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर शारदा यूनिवर्सिटी के खिलाफ कई नेटीजेंस ट्वीट कर रहे थे।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *