इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल की गई है। इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को आगरा में ताजमहल के अंदर 20 कमरे खोलने का निर्देश देने की मांग की गई है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि, वहां हिंदू मूर्तियां और शिलालेख हैं या नहीं। ये याचिका भाजपा के अयोध्या जिले के मीडिया प्रभारी डॉ. रजनीश सिंह की ओर से दाखिल की गई है। 10 मई यानी मंगलवार को याचिका पर सुनवाई होगी।
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— ZEE HINDUSTAN (@Zee_Hindustan) May 8, 2022
तथ्य खोज समिति गठित करने की मांग
याचिका में ताजमहल को तेजो महालय बताते हुए सरकार से तथ्य खोज समिति गठित करने के निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि ताजमहल परिसर का सर्वेक्षण जरूरी है, जिससे शिव मंदिर होने और ताजमहल होने की वास्तविकता का पता लगाया जा सके। समिति इन कमरों की जांच करे, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके कि वहां हिंदू मूर्तियां या धर्मग्रंथों से संबंधित सबूत हैं या नहीं।
याचिका में कुछ इतिहासकारों का हवाला भी दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि, ताजमहल की चार मंजिला इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 20 कमरे हैं, जो स्थायी रूप से बंद हैं। पीएन ओक और कई इतिहासकारों का मानना है कि उन कमरों में शिव का मंदिर है। हालांकि यह कमरे पहले कभी खुले हैं या नहीं। इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
स्रोत : आज तक