सांगली, पलूस, विटा एवं शिरोळ में ज्ञापन प्रस्तुति
मैं स्वयं हिन्दू जनजागृति समिति का ज्ञापन की समीक्षा करूंगं ! – डॉ. अर्चना पाटिल, अपर तहसीलदार, सांगली
सांगली : विद्यालयों में यदि बाईबिल सिखाया जा रहा हो, तो यह अनुचित है और मैं स्वयं इस ज्ञापन की समीक्षा करूंगी, ऐसा आश्वासन सांगली की अपर तहसीलदार डॉ. अर्चना पाटिल ने दिया । कर्नाटक के क्लैरेन्स हाइस्कूल नाम के कॉन्वेंट विद्यालय में छात्रों को बाइबिल की शिक्षा लेना अनिवार्य बनाया गया है । इस पृष्ठभूमि पर देशभर के कॉन्वेंट विद्यालयों में हिन्दू छात्रों को बाईबिल सिखना अनिवार्य करने पर रोक लगाई जाए, इस मांग को लेकर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से शिक्षामंत्री के नाम से सांगली की अपर तहसीलदार डॉ. अर्चना पाटिल को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, तब उन्होंने उक्त मत व्यक्त किया । हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती मधुरा तोफखाने और धर्मप्रेमी श्रीमती अमृता इंदोलीकर ने यह ज्ञापन प्रस्तुत किया ।
१. ज्ञापन प्रस्तुत करते समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. भीमराव खोत, धर्मप्रेमी सर्वश्री शरद पाटिल, गणेश बुचडे और श्री. अक्षय साळुंखे उपस्थित थे ।
२. विटा के नायब तहसीलदार संतोष बुटे को ज्ञापन प्रस्तुत करते समय हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती जयश्री वेदपाठक, श्रीमती अलका रोकडे और श्रीमती पद्ममा चोथे उपस्थित थे ।
३. शिरोळ (जनपद कोल्हापुर) में निवासी नायब तहसीलदार योगेश जमदाडे को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया । ज्ञापन का स्वीकार करने के उपरांत नायब तहसीलदार जमदाडे ने कहा, ‘‘मैं सभी धर्माें का अध्ययन करता हूं । उनके अनुयायी धर्म की मूल सीख का अनुचित अर्थ लगाते हैं ।’’इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. संजय घाटगे और श्री. अण्णासाहेब वरेकर उपस्थित थे ।