काशी में ज्ञानवापी मामले की हलचल के बीच मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि, मुथरा कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग को लेकर दायर किये मुकदमे को अनुमति दे दी है। इसके बाद ईदगाह मस्जिद को हटाने की याचिका पर अब न्यायालयीन कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि, मथुरा में शाही मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी हुई है।
Big Breaking News : A #Mathura court today held that the suit to remove the Shahi Idgah Masjid, claimed to be built on the land of Shrikrishna Janam Bhoomi is maintainable. #krishnajanmabhoomi pic.twitter.com/MjSemeax8e
— Live Adalat (@LiveAdalat) May 19, 2022
गौरतलब है कि, यह मुकदमा हिंदू संगठनों द्वारा दायर किया गया है। याचिका में भगवान कृष्ण विराजमान की ओर से श्री कृष्ण जन्म स्थान की 13.37 एकड़ जमीन वापस दिलाने की न्यायालय से गुहार लगाई गई है। दावा किया गया है कि, इसके बड़े हिस्से पर करीब चार सौ साल पहले औरंगजेब के आदेश से मंदिर ढहाकर केशवदेव मंदिर और उसके भूमि पर अवैध कब्जा किया गया था और शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई।
याचिका में कहा गया कि, शाही ईदगाह मस्जिद 1669-70 में मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर कृष्ण जन्मभूमि के पास बनाया गया था। रंजना अग्निहोत्री, हरिशंकर जैन व विष्णु जैन इस याचिका के याचिकाकर्ता हैं।
श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया, “वादी ने निचली न्यायालय में मुकदमा दायर किया था और देखा था कि वादी को मुकदमा करने का अधिकार नहीं है। जिसके बाद मथुरा जिला न्यायालय के समक्ष एक पुनरीक्षण दायर किया गया था। कोर्ट ने अब निचली न्यायालय के आदेश को गलत बताया और इस पर रोक लगा दी।”
गौरतलब है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण मामले में मुख्य भूमिका निभाने वाले अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु जैन ने ही मथुरा की सिविल जज की न्यायालय में पहला वाद दायर किया था। हालांकि उनकी उस याचिका को न्यायालय ने 30 सितंबर 2020 को खारिज कर दिया था।
इसके बाद याचिकाकर्ताओ ने जिला जज की न्यायालय में बतौर रिवीजन पिटीशन दायर किया। जिस पर 2020 से अबतक लंबी बहस चली। इस याचिका पर आज जिला जज की न्यायालय ने फैसला सुनाया है।
१४ मई
श्रीकृष्ण जन्मभूमि : ज्ञानवापी मस्जिद के बाद मथुरा ईदगाह को लेकर दाखिल हुई याचिका, एक जुलाई को सुनवाई
मथुरा – श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह के मामले में अब सर्वे के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। श्रीकृष्ण विराजमान के वंशज होने का दावा करने वाले मनीष यादव ने मथुरा न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में शाही ईदगाह के अंदर अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त कर वीडियोग्राफी सर्वे कराने की मांग की है। इस पर एक जुलाई को सुनवाई होगी। बता दें कि, प्रार्थी मनीष यादव, महेन्द्र प्रताप सिंह और दिनेश शर्मा ने एक ही तरह की अलग-अलग याचिका लगाई थी। इनमें न्यायालय कमिश्नर नियुक्त करके ईदगाह की वीडियोग्राफी कराए जाने की मांग की गई थी। न्यायालय ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही सभी वादियों को एक ही तारीख एक जुलाई दी है।
Krishna Janmbhoomi case: High Court sets 4 month deadline for lower court to expedite the matter @amir_haque with more details.
I am thankful to HC for this order: Petitioner Manish Yadav #KrishnaJanmbhoomi #Mathura pic.twitter.com/20Mngi2mui
— TIMES NOW (@TimesNow) May 12, 2022
मनीष यादव की ओर से दाखिल किए गए इस प्रार्थना पत्र पर आज सिविल जज वरिष्ठ डिवीजन की न्यायालय में सुनवाई हुई। इसके अलावा केशव देव जी विराजमान मामले में वाद संख्या 950 /2020 के पक्षकार महेंद्र प्रताप ने भी प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। मनीष यादव और महेंद्र प्रताप सिंह के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने केस की सुनवाई की अगली तारीख 1 जुलाई दे दी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह मामले में लगातार शाही ईदगाह के सर्वे की मांग का सचिव श्रीकृष्ण जन्मस्थान ने स्वागत किया है और कहा है कि, सत्य को सामने लाने के लिए सर्वे जरूरी है। और इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने प्रतिवादियों पर आरोप लगाया है कि, वह ईदगाह परिसर से उन सबूतों को नष्ट कर सकते हैं, जिनसे स्पष्ट होता है कि भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार की गई है। इस संबंध में अधिवक्ता कमीशन गठित किया जाना चाहिए।