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सार्वजनिक जमीन पर बनी है अलीगढ की जामा मस्जिद, आरटीआई में हुआ खुलासा

भाजपा नेता ने की तोडने की मांग

उत्तरप्रदेश के अलीगढ स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद को लेकर विवाद हो गया है। दरअसल अलीगढ के आरटीआई कार्यकर्ता केशव देव शर्मा ने जामा मस्जिद को लेकर नगर निगम में आरटीआई दाखिल की थी, जिसके जवाब में नगर निगम ने बताया है कि, ऊपरकोट स्थित 300 वर्ष पुरानी जामा मस्जिद का निर्माण सार्वजनिक जगह पर हुआ है और यह मस्जिद ऐतिहासिक धरोहर है।

आरटीआई का जवाब मिलने के बाद केशव देव ने डीएम को पत्र लिखकर सार्वजनिक संपत्ति पर बनी मस्जिद को तोडने की मांग की है। भाजपा नेताओं का भी कहना है कि, जो सार्वजनिक संपत्ति पर बना है, वो अवैध है और उसे टूटना चाहिए।

दरअसल अलीगढ के आरटीआई एक्टिविस्ट केशव देव शर्मा ने जून 2021 में जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत नगर निगम से कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। जिसमें पूछा गया था कि जामा मस्जिद किसकी जमीन पर बनी है ? इसका कितना टैक्स जाता है? जामा मस्जिद जिस जमीन पर बनी है, उस जमीन का मालिकाना हक किसका है ?

नगर निगम ने आरटीआई के जवाब में कही ये बात

इस पर नगर निगम ने आरटीआई का जवाब दिया कि जामा मस्जिद पर मालिकाना हक किसी का नहीं है और यह सार्वजनिक जमीन पर बनी हुई है। नगर निगम के जवाब के बाद केशव देव शर्मा ने 8 मई को जिलाधिकारी अलीगढ के साथ-साथ कमिश्नर अलीगढ़ मंडल, नगर आयुक्त नगर निगम अलीगढ, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर सरकारी सार्वजनिक भूमि से जामा मस्जिद सहित अवैध कब्जा हटाने की मांग की। इसके लिए उन्होंने 15 दिन का समय दिया है और उसके बाद वह न्यायालय की शरण लेने की बात कह रहे हैं।

इस मामले के सामने आने के बाद बीजेपी की वरिष्ठ नेता व पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने कहना है कि, आरटीआई में अगर नगर निगम कह रहा है कि ये अवैध है तो फिर वो जामा मस्जिद हो या कोई और चीज, उसे टूटना चाहिए। हम इस बात को लेकर सरकार को पत्र लिखेंगे और मुख्यमंत्री को इस बात से परिचित करवाएंगे।

स्रोत : इंडिया टीवी

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