उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में आतंकवादियों के ग्रेनेड हमले में मारे गए रणजीत सिंह उनके परिवार में कमाने वाले एक इकलौते व्यक्ति थे। सिंह बारामूला में एक शराब की दुकान पर काम करते थे और उनके परिवार के 7 लोगों की जिम्मेदारी उन पर ही थी। नौकरी पर लगे उन्हें अभी 20 दिन ही हुए थे और मंगलवार की शाम आतंकवादियों के ग्रेनेड हमले में उनकी मौत हो गई। घटना के दिन सिंह दुकान पर थे, जब बुर्का पहने एक आतंकवादी वहां आया और उसने खिड़की से दुकान के अंदर एक ग्रेनेड फेंक दिया। इस विस्फोट में सिंह की मौत हो गई और तीन अन्य कर्मचारी गोवर्धन सिंह, रवि कुमार और गोविंद सिंह घायल हो गए।
Sad news. Ranjit Singh (52) from Rajouri, Jammu killed in the terror attack in Baramulla of North Kashmir. Senior Police officials confirm. Yet another innocent life lost to Islamist terror in Kashmir. https://t.co/p5uIGn8c9P
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) May 17, 2022
रणजीत सिंह की बेटी शिवानी ने अपने पिता के अंतिम संस्कार के बाद बुधवार को पत्रकारों से कहा कि, आतंकवादियों ने परिवार के इकलौते कमाने वाले शख्स को छीन लिया। हिंदू होना कोई गुनाह नहीं है। हिंदू भी कश्मीर में काम कर सकते हैं। यह उनका (इस्लामिक) स्टेट नहीं है। सिंह की दूसरी बेटी प्रियंका ने कहा कि, उनके पिता 20 दिन पहले ही नई नौकरी के लिए कश्मीर गए थे। उन्होंने कहा कि, हमें लगा था कि हमारा जीवन अब बेहतर हो जाएगा, लेकिन आतंकवादियों ने सारे सपने तोड दिए। हम अब क्या करेंगे ? हमारे परिवार की रोटी अब कहां से आएगी? उन्होंने हमारे परिवार के कमाने वाले को छीन लिया।
उन्होंने ऐसे हमले करने वालों और उनसे सहानुभूति रखने वालों से भी प्रश्न किए। उन्होंने कहा कि, मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि मेरे पिता ने अपने परिवार का पेट भरने के लिए कश्मीर में नौकरी करके क्या गलती की थी ? मेरे पिता ने उनका क्या बिगाड़ा था? क्या उन्होंने उनके साथ कुछ गलत किया था ?
बारामूला में शराब की दुकान पर नौकरी मिलने से पहले सिंह दिहाड़ी पर मजदूरी करते थे। उनकी बेटी ने कहा कि वह हिंदू थे, इसलिए कश्मीर के आतंकवादियों ने उनकी हत्या कर दी। वह अपने परिवार वालों का पेट भरने के लिए घर से इतनी दूर गए थे। वह केवल एक मजदूर थे। हम मजदूरी करके अपने घरवालों का पेट भरते हैं। वह परिवार में इकलौते कमाने वाले थे। अब वह हमारे साथ नहीं हैं।
स्रोत : पंजाब केसरी