Menu Close

अतीत में नष्ट किए गए मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए – प्रमोद सावंत, मुख्यमंत्री, गोवा

नयी दिल्ली – वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शनिवार को कहा कि, अतीत में नष्ट कर दिये गये सभी मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए तथा उनकी सरकार ने पुर्तगाल शासन के दौरान तोडे गए मंदिरों को पुन: स्थापित करने के लिए बजटीय आवंटन किया है।

सावंत ने यह भी कहा कि, गोवा सरकार प्रदेश में ‘सांस्कृतिक पर्यटन’ को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है तथा लोगों को मंदिरों में जाने के लिए प्रेरित कर रही है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की साप्ताहिक पत्रिकाओं ‘ऑर्गनाइजर एवं पांचजन्य’ के 75 साल पूरा होने पर यहां आयोजित मीडिया संगोष्ठी में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा, ‘‘450 साल के पुर्तगाल शासन के दौरान हिंदू संस्कृति नष्ट की गयी एवं कई लोग धर्मांतरित किये गये। प्रदेश में मंदिरो को नष्ट किया गया। हम उन सभी का जीर्णोद्धार करने जा रहे हैं। मैं मानता हूं कि, जहां भी मंदिर ढहा दिये गये हैं, उनका पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए। यह मेरी दृढ मान्यता है।’’

ऑर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर के प्रश्न का उत्तर देते हुए सावंत ने कहा कि, उनकी सरकार पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्यों में से एक गोवा में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दिन-रात लगी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हर गांव में एक-दो मंदिर हैं। हमें तट से लोगों को मंदिर में ले जाना है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘सांस्कृतिक पर्यटन’ को आगे बढ़ा रही है ।

भाजपा शासित कई राज्यों के समान नागरिक संहिता की ओर उन्मुख होने के बीच सावंत ने कहा कि गोवा में पहले से ही यह लागू है एवं हर राज्य में यह लागू होना ही चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं गर्व से कहता हूं कि मुक्ति के समय से ही गोवा समान नागरिक संहिता का पालन कर रहा है। मैं विश्वास करता हूं कि अन्य सभी राज्यों को समान नागरिक संहिता का अवश्य पालन करना चाहिए। हमने गोवा समान नागरिक संहिता की अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की है। ’’

सावंत ने गोवा की मुक्ति में देरी के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भारत 1947 में आजाद हो गया जबकि इस प्रदेश ने 1967 में अपनी आजादी हासिल की।

जब उनसे गोवा में खनन के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में खनन पुन: शुरू करने की दिशा में काम कर रही है जिसपर 2012 से रोक लगी है।

स्रोत : आइबीसी 24

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *