अंधश्रद्धा फैलानेवाले कार्यक्रम रहित कर आयोजकों पर अपराध प्रविष्ट करने की मांग !
मुंबई – महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून होते हुए भी चमत्कार के नाम पर पाखंड करनेवाला ‘मुंबई पीस फेस्टिवल २०२२’ यह कार्यक्रम १९ मई को वांद्रे-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में आयोजित किया गया है।
हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करने का प्रयत्न करना एवं अंधश्रद्धा फैलानेवाले इस कार्यक्रम के विरोध में १३ मई को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से वांद्रे पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट किया गया ।
महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून होते हुए भी अंधश्रद्धा फैलानेवाले कार्यक्रम को अनुमति कैसे मिली ? – हिन्दू जनजागृति समिति
समिति द्वारा किए गए परिवाद में ऐसा कहा गया है कि, धर्म के नाम पर सरासर झूठे प्रकार दिखाकर जनता की आंखों में धूल झोंकने के साथ-साथ अंधश्रद्धा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है । महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून अर्थात ‘महाराष्ट्र नरबली एवं अन्य अमानवीय, अघोरी एवं दुष्कर्म प्रथा एवं काला जादू अधिनियम २०१३’ कानून लागू है । ऐसा होते हुए भी कार्यक्रम के विषय में असाध्य रोग, जीवन की विविध समस्या दूर करना, ऐसे स्वरूप का अवैज्ञानिक दावा किया जा रहा है । अंधश्रद्धा फैलानेवाले ऐसे कार्यक्रमों में अनेक हिन्दुओं को धर्मांतरित करने की घटनाएं भी होती हैं । ‘महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून के होते हुए भी अंधश्रद्धा फैलानेवाले ऐसे कार्यक्रम को अनुमति किस आधार पर दी ?’, ऐसा प्रश्न हिन्दू जनजागृति समिति ने किया है ।
यह कार्यक्रम निरस्त कर आयोजक, पाद्री बसिंदर सिंह एवं इस कार्यक्रम का विज्ञापन करनेवाले हिन्दी चलचित्र जगत (सिने जगत) की कलाकार राखी सावंत, जॉनी लिवर पर अपराध प्रविष्ट करने की मांग समिति ने की है । इससे पहले १२ मई को यह कार्यक्रम होनेवाला था; परंतु फिर वह निरस्त हो गया ।