मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद जमीन विवाद को लेकर एक ओर जहां न्यायालय में सुनवाई चल रही है तो वहीं दूसरी ओर एक और याचिका दायर की गई है। इस नई याचिका में मथुरा के सिविल जज न्यायालय में कहा गया है कि, 1670 में जो औरंगजेब ने श्रीकृष्ण का मथुरा में मंदिर तोड़ था, उसके बाद वहां पर मौजूद मूर्तियां और बेशकीमत सामान लेकर वो आगरा के लाल किले में चले गए थे।
मथुरा सिविल न्यायालय में नई याचिका
याचिका में आगे कहा गया है कि, वहां पर बेगम साहिबा की मस्जिद की सीढ़ियों में उसे दबा दिया गया, जो भी मैसेज चाहे वह उन मूर्तियों और बेशकीमती सामान पर पैर रखकर जाए। इस नई याचिका में मांग की गई है कि वह बेशकीमती मूर्तियां और सामान को मस्जिद की सीढ़ियों से निकालकर वापस दिलवाए जाए क्योंकि इससे हिंदू भक्तों की आस्था का अपमान हो रहा है। मथुरा के सिविल जज की न्यायालय में कुछ देर बाद हो सकती है सुनवाई।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मथुरा के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने निचली अदालत को शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे करने और उसमें मंदिर के चिन्हों के दावों को सत्यापित करने के लिए न्यायालय कमिश्नर नियुक्त करने के अनुरोध वाली याचिका के शीघ्र निस्तारण करने का गुरुवार को निर्देश दिया। याचिकाकर्ताओं ने तब पुनरीक्षण अर्जी के साथ अतिरिक्त जिला न्यायाधीश का रुख किया था जब 23 मई को दीवानी अदालत (सीनियर डिवीजन) की निचली अदालत ने शाही ईदगाह मस्जिद की प्रबंधन समिति और अन्य को उस अर्जी पर अपनी आपत्ति दायर करने को कहा जिसमें मस्जिद के सर्वे कराने का अनुरोध किया गया था। न्यायाधीश ने इसके साथ ही उक्त अर्जी पर सुनवायी के लिए एक जुलाई की तिथि तय की जब ग्रीष्मावकाश के बाद अदालतें फिर से खुलेंगी।
जिला सरकारी अधिवक्ता संजय गौड़ ने कहा, ‘‘पुनरीक्षण अर्जी का निस्तारण निचली अदालत को इस निर्देश के साथ किया गया कि वह न्यायालय कमिश्नर मस्जिद भेजने के अनुरोध वाली अर्जी का निस्तारण अगली सुनवाई से दिन-प्रतिदिन आधार पर सुनवाई करके करें।’’ याचिकाकर्ताओं के वकील राजेंद्र माहेश्वरी ने कहा, ‘‘दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की निचली अदालत को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश संजय चौधरी (अपील और पुनरीक्षण के लिए प्रभारी जिला न्यायाधीश) द्वारा एडवोकेट कमिश्नर (मस्जिद में) भेजने से संबंधित अर्जी पर सुनवाई में देरी नहीं करने का निर्देश दिया गया है। अर्जी दिल्ली के जय भगवान गोयल और चार अन्य लोगों द्वारा प्रस्तुत की गई है।’’
मथुरा : हिन्दू महासभा ने शाही ईदगाह मस्जिद को शुद्ध करने की उठाई मांग, न्यायालय में प्रार्थना पत्र दायर
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के साथ-साथ अब मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा मामला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। सोमवार को दीवानी न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दाखिल हुआ जिसकी सुनवाई एक जुलाई को न्यायालय करेगी। हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने सिविल सीनियर डिवीजन की न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर शाही ईदगाह मस्जिद को शुद्ध करने की मांग की है। प्रार्थना पत्र में दावा किया गया है कि, ईदगाह मस्जिद ठाकुरजी के गर्भगृह पर बनी हुई है।
'It Was Sanctum Sanctorum Of Keshav Dev Temple': Plea Before Mathura Court Seeks Permission For "Purification" Of Shahi Idgah@ISalilTiwari reportshttps://t.co/yg05QcxCtG
— LawBeat (@LawBeatInd) May 24, 2022
लड्डू गोपाल के पूजा पाठ की मांगी अनुमती
वह इससे पहले भी प्रार्थना पत्र मथुरा न्यायालय में दाखिल कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि हिंदू महासभा के लोगों को शाही ईदगाह मस्जिद में प्रवेश की मंजूरी दी जाए। साथ ही उन्होंने प्राचीन मंदिर स्थल में ठाकुर केशव देव जी लड्डू गोपाल के अभिषेक और पूजा पाठ करने की अनुमती भी मांगी थी।
दिनेश शर्मा ने बताया कि पहले तलवारों के दम पर हमारे हिन्दूओं के मंदिरों पर हमला किया, लेकिन हम कलम के दम पर प्राचीन धरोहरों को वापस लेंगे, हम चाहते हैं कि मस्जिदों को हटाया जाये और हमारा स्वाभिमान लौटाया जाए।
श्री कृष्ण जन्मभूमि को शादी ईदगाह मस्जिद से मुक्त कराने के लिए लगातार न्यायालय में सुनवाई चल रही है, इसके बावजूद हिंदूवादी नेता और संगठन लगातार न्यायालय में एक के बाद एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर रहे हैं, जिसमें अलग-अलग मांगों को रखा जा रहा है।
इससे पहले मथुरा में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया था, इस मामले में निचली न्यायालय में 26 मई को सुनवाई होगी। याचिका में 2।37 एकड जमीन को मुक्त करने की मांग की गई है।
स्रोत : एबीपी