अद्यतन
- गोवा मांस प्रकल्पमें अवैध गोहत्याके विरोधमें शिकायतके उपरांत पुलिस द्वारा कुछ भी कार्यवाही न किए जानेका आजका ७ वां दिन !
- गोवा मांस प्रकल्पमें न्यायालयके आदेशकी उपेक्षा कर अवैध रीतिसे गोवंशकी हत्या !
गोवा मांस प्रकल्पमें अवैध गोहत्याके विरोधमें शिकायतके उपरांत पुलिस द्वारा कुछ भी कार्यवाही न किए जानेका आजका ७ वां दिन !
वैशाख शुक्ल पूर्णिमा , कलियुग वर्ष ५११५
हम जनताके मालिक नहीं, अपितु सेवक हैं, यह संवेदना खोनेवाली पुलिस !
उसगाव, गोवा स्थित शासकीय मांस प्रकल्पमें बडे पैमानेपर अवैधरीतिसे होनेवाली गोवंश हत्याके विषयमें १६ मई २०१३ को प्रथमदर्शनी प्रमाण तथा अपराधोंकी लिखित जानकारीके साथ प्राणीप्रेमी श्री. अमृतसिंह तथा गोप्रेमी श्री. सुचेंद्र अग्निजी द्वारा फोंडा पुलिस थानामें अलग-अलग अपराध प्रविष्र्ट किए गए थे; किंतु पुलिसने अबतक एक भी अपराधपर कार्यवाही नहीं की तथा आरोप भी प्रविष्ट नहीं किया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
गोवा मांस प्रकल्पमें न्यायालयके आदेशकी उपेक्षा कर अवैध रीतिसे गोवंशकी हत्या !
वैशाख शुक्ल ११ , कलियुग वर्ष ५११५
खुले आम होनेवाली गोवंश हत्या रोकनेमें असफल निष्क्रिय शासन !
शिकायत प्रविष्ट करनेसे फोंडा पुलिसका इनकार !
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फोंडा – मुंबई उच्च न्यायालयके गोवा खंडपीठ द्वारा एक आदेशके अनुसार गोवा मांस प्रकल्पमें अवैधरीतिसे होनेवाली गोवंशकी हत्या बंद की गई है ; किंतु इस आदेशकी उपेक्षा कर प्राणीप्रेमी श्री. अमृतसिंहजीने १६ मईको अवैध रीतिसे गोवंशकी हत्या किए जानेकी शिकायत फोंडा पुलिस थानामें की है । विशेष बात यह है कि फोंडा पुलिसने शिकायत प्रविष्ट करनेसे इनकार किया है । यदि पुलिस यह शिकायत प्रविष्ट नहीं कराती है, तो गोवंशकी अवैधरीतिसे हत्या होनेके प्रमाण नष्ट होनेकी आशंका व्यक्त की जा रही है ।
प्राणीप्रेमी श्री. अमृतसिंहजीने १६ मईको सुबह ११ बजे इस संदर्भमें फोंडा पुलिसमें शिकायत प्रविष्ट की । फोंडा पुलिस थानाके नियमित पुलिस निरीक्षकके छ्ट्टीपर होनेके कारण पर्यायी पुलिस निरीक्षकने काममें व्यस्त होनेका कारण बताकर शिकायत प्रविष्ट करनेसे इनकार किया। (गोवामें वर्तमानमें अवैध पद्धतिसे गोवंशकी हत्या होनेकी घटना चर्चामें है । उच्च न्यायालयने भी इसकी खबर लेकर प्रशासनको ही वैंâचीमें पकडा है । ऐसी स्थितिमें पुलिस निरीक्षक अवैध गोहत्याकी घटना छोडकर अन्य कौनसी घटनामें व्यस्त थे, क्या गृहविभाग संभालनेवाले मुख्यमंत्री पर्रीकर इसकी पूछताछ करेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) पुलिस थानाके अन्य पुलिस अधिकारियोंने भी यही भूमिका अपनाई ।
प्राणीप्रेमी श्री. अमृतसिंह तथा उनके सहकारी प्राणीप्रेमी जॉन फर्नांडिस सवेरे ११ बजेसे संध्या देरतक फोंडा पुलिस थानामें शिकायत प्रविष्ट करानेकी प्रतीक्षा करते रहे थे । प्राणीप्रेमी श्री. अमृतसिंहजीने शिकायतमें अंतर्भूत जानकारीके अनुसार वे कुछ अन्य नागरिकोंसमेत १४ मईको गोवा मांस प्रकल्पके गोवंशका निरीक्षण करने हेतु जब गए थे, तब वहां रखे गए गोवंशकी स्थिति अत्यंत दयनीय दिखाई दी । ये गोवंश अपर्याप्त स्थानमें रखनेके कारण आपसमें लड रहे थे । प्रकल्पसे बाहर आनेपर वहां उन्हें गोवंशकी खोपडी, हड्डियां, कंकाल, चमडी, मांस खुले स्थानमें सब तरफ बिखरे पडे दिखाई दिए । पुलिसको इसकी जानकारी देनेपर पुलिसने ४ संदिग्धोंको पकडा तथा दूसरे दिन उन्हें छोड दिया । प्रकल्पमें अवैधरीतिसे जानवरोंकी हत्या हानेके कारण पुलिसाद्वारा उन ४ संदिग्धोंको ढूंढ निकालना आवश्यक है । तथा प्रकल्पके बाहर खुले स्थानमें विखरा मांस, खोपडी, हड्डियां इनकी फोरेन्सिक जांच करना आवश्यक है, यह सब `गोवा एनिमल प्रीवेन्शन ऐक्ट १९९५ की धारा ४ तथा १०’ के अंतर्गत, तथा गोवा, दमण एवं दीव `काऊ स्लॉटर’ अधिनियमके विरोधमें हैं । इससे भारतीय दंड संहिताकी धारा २९५ अ अंतर्गत धार्मिक भावनाओंको ठेस पहुंचाई गई है । इस संदर्भमें तुरंत आरोप प्रविष्ट कर घटनाकी पूछताछ करना आवश्यक है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात