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ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो : ‘शिवलिंग’ की दिशा में 83 फीट की दूरी पर नंदी, दीवारों पर त्रिशूल और हाथी के निशान

नंदी से 83 फीट की दूरी पर ‘शिवलिंग’, दीवारों पर त्रिशूल और हाथी के निशान

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे की रिपोर्ट सोमवार को बाहर आ गई। सर्वे के वीडियो एवं तस्वीरें वायरल हैं। हिंदू पक्ष के लोगों का कहना है कि, वीडियो से मस्जिद की असलियत सामने आ गई है और यह साफ हो गया है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया गया। संत समिति के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि, जिस सच को छिपाया गया था वह सच्चाई सामने आ गई है। टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘कल विश्वेश्वर महादेव खुद प्रकट हो गए।  सत्य छिपाने से छिपता नहीं है चाहे उसे कितना ही छिपाया जाए। मंदिर के एक-एक चिन्ह चीख-चीखकर गवाही दे रहे हैं।’

वीडियो में आकृतियां स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आईं

टाइम्स नाउ नवभारत को ज्ञानवापी सर्वे का नया वीडियो मिला है। इस नए वीडियो में वजूखाने के तहखाने में एक कलाकृति नजर आई है। इस वीडियो में आकृति सबसे साफ तौर पर उभरकर सामने आई है। इस वीडियो में वजूखाने में स्थित शिवलिंग और नंदी एक सीध में स्पष्ट रूप में दिखाई दे रहे हैं। इनके बीच की दूरी भी करीब 83 फीट है।

वीडियो में तहखाने के खंभों पर हिंदू सनातन परंपरा के प्रतीक चिन्ह खुदे हुए साफ नजर आए हैं। वाराणसी की जिला अदालत में सोमवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को सर्वे की कॉपी सौंपी। कोर्ट अब चार जुलाई को इस मामले की सुनवाई करेगा।

ज्ञानवापी मस्जिद में कलाकृतियां भी मिली हैं जिसको लेकर हिंदू पक्ष अपने दावे को मजबूत बताने लगा है। मस्जिद के भीतर बनी दीवारों पर त्रिशूल की आकृति साफ नजर आती है और एक जगह नहीं दीवार पर कई जगह ऐसा देखने को मिला। हालांकि हिंदू पक्ष का दावा है कि पेंट के जरिए इसे छिपाने की कोशिश की गई है।

मस्जिद की दीवार पर कुछ कलाकृतियां बनी हुई हैं और उसके बीच हाथी की आकृति नजर आ रही है। हिंदू पक्ष इससे भी मंदिर होने का सबूत मान रहा है। दीवारों पर कुछ जगह स्वातिक के निशान भी मिलने का दावा किया जा रहा है। हालांकि तस्वीरों में स्वास्तिक बहुत साफ नजर नहीं आ रहा है। मस्जिद की बाहरी दीवार पर भी कुछ ऐसी आकृति नजर आई है। इस दीवार पर फूल की लड़ियों जैसी आकृति उकेरी गई है और बीच बीच में घंटी जैसी आकृति बनाई गई है।

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