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मथुरा तथा अयोध्या में लागू हुआ मद्य निषेध अधिनियम, शराब की बिक्री पर लगा प्रतिबंध

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में तीर्थ स्थलों पर शराबबंदी करने के योगी सरकार के फैसले के बाद मथुरा के साथ अयोध्या में शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया है। जिन दुकानों को पहले से लाइसेंस दिया गया था उनके लाइसेंस निरस्तीकरण की भी कार्रवाई चल रही है।

प्रदेश सरकार के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि अयोध्या में होने वाली पंच कोसी परिक्रमा जो लगभग 1500 स्क्वायर मीटर में होती है वहां पर पूर्ण रूप से शराब बंदी कर दी गई है। मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा है कि तीर्थ स्थलों के आसपास क्षेत्रों में शराब पीना और शराब को बेचना पूर्णता प्रतिबंधित कर देना चाहिए। इसी कड़ी में अब प्रदेश सरकार ने नए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

धार्मिक स्थलों पर नहीं मिलेगी शराब

अग्रवाल ने कहा कि, मथुरा के 22 वार्डों में भी शराब को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। यदि इस इलाके में कोई दुकान है तो उसको बंद कर दिया जाएगा। हालांकि वृंदावन में पहले से ही शराब प्रतिबंधित थी, लेकिन आज मथुरा में भी शराब पर पाबंदी लगाई गई है। नितिन अग्रवाल ने बताया कि, अयोध्या में स्थित राम जन्मभूमि जिसकी पहचान विश्व स्तर पर है लिहाजा ऐसी जगह पर शराब का पिया जाना या उसको बेचा जाना उचित नहीं है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने १० सितम्बर  २०२१ को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दस किलोमीटर रेडियस क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किया था। जिसके बाद इस क्षेत्र में चल रही शराब, भांग, मीट की दुकान, शराब के बार और रेस्टोरेंट बंद कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई। मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद लोगों ने उनके फैसले पर खुशी जताई थी। सरकारी प्रक्रिया और पूर्व में शराब के ठेके उठने के कारण सितंबर  २०२१ में दुकान बंद नहीं हो पाईं थीं। जिसके बाद १ जून से श्री कृष्ण जन्मस्थान के आसपास के १० किलोमीटर रेडियस क्षेत्र में शराब की दुकान बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई और बुधवार को यह दुकानें बंद करा दी गईं हैं। २२ वार्डों में सभी शराब, बीयर एवं भांग की दुकान, मॉडल शॉप, बार बंद करा दिए हैं। यहां मद्य निषेध कानून लागू होने के कारण न केवल बिक्री करना बल्कि पीना, ले जाना, लाना भी प्रतिबंधित हो गया है।

स्रोत : न्यूज 18

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