श्रीराममंदिर के निर्माणकार्य में सरसंघचालक एवं रा.स्व. संघ का योगदान शून्य होने का दावा
नई देहली – अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणी महाराजजी ने कहा, ‘‘सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवतजी को ज्ञानवापी मस्जिद के संबंध में वक्तव्य देने की आवश्यकता नहीं थी । वे अपना वक्तव्य वापस लें’’ ।
ज्ञानवापी मामले में मोहन भागवत जी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है,कि "हर मस्जिदों में शिवलिंग खोजना उचित नहीं"इस तरह के बयान हिंदू संगठनों को हतोत्साहित करने वाला गैर जिम्मेदाराना बयान है, संघ प्रमुख मौलाना मदनी की भाषा ना बोले,बयान को वापस ले,और हिंदू समाज से माफी मांगे???
— Swami Chakrapani Maharaj (@SwamyChakrapani) June 3, 2022
उन्होंने प्रश्न उठाया है, ‘‘जमियत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना (इस्लाम के धार्मिक नेता) महमूद मदनी, मुसलमान आक्रमणकर्ताओं के पक्ष में हैं, क्या उसी प्रकार सरसंघचालक भी उनके पक्ष में हैं’’ ? सरसंघचालक द्वारा प्रश्न उठाया गया था कि, श्रीरामजन्मभूमि के आंदोलन उपरांत संघ किभी भी आंदोलन में सिम्मिलित नहीं हुआ है । अब ज्ञानवापी का सूत्र उजागर हुआ है । ज्ञानवापी के संबंध में हमारी श्रद्धा पारंपारिक है; परंतु क्या अब प्रत्येक मस्जिद में शिवलिंग देखना है ?’’ चक्रपाणी महाराजजी इसी संदर्भ में संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा, ‘‘श्रीराममंदिर के निर्माणकार्य में सरसंघचालक एवं रा.स्व. संघ का कोई भी योगदान नहीं है ।’’