धाराशिव – महाराष्ट्र की कुलस्वामीनी श्री तुळजाभवानीदेवी का मंदिर शासकीय नियंत्रण में है । मंदिर में वर्ष १९९१ से २००९ की अवधि में सिंहासन दानपेटी की नीलामी के समय करोडों रुपयों की हेरा-फेरी हुई है । इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा हिन्दू विधिज्ञ परिषद के माध्यम से मुंबई उच्च न्यायालय के संभाजीनगर (औरंगाबाद) खंडपीठ में प्रविष्ट की हुई जनहित याचिका पर निर्णय देते हुए न्यायालय ने प्रस्तुत प्रकरण में अपराध अन्वेषण विभाग को (सीआइडी को) पूछताछ ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए कहा था । इस ‘सीआइडी’के पूछताछ ब्यौरे में अनेक धक्कादायक निष्कर्ष सामने आए हैं । उस पूछताछ (इन्कावयरी) ब्यौरे के अनुसार दानपेटी की नीलामी में ८ करोड ४५ लाख ९७ सहस्र रुपयों का घोटाला होने से, उसके दोषी के रूप में ९ नीलामीदार, ५ तहसीलदार, १ लेखापरीक्षक, १ धार्मिक सहव्यवस्थापक पर ठप्पा लगा दिया, इसके साथ ही उन पर अपराध प्रविष्ट करने की महत्त्वपूर्ण अनुशंसा (सिफारिश) की है; परंतु यह पूछताछ ब्यौरा २० सितंबर २०१७ को अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग, महाराष्ट्र राज्य को प्रस्तुत किए ५ वर्ष होने आए तब भी अब तक उन दोषियों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है । इस काल में एक आरोपी की मृत्यु भी हो गई । घोटाला प्रारंभ हुए ३१ वर्ष हो गए हैं, फिर शासन क्या अन्य आरोपियों की मृत्यु हो जाने की प्रतीक्षा कर रहा है अथवा इसमें दोषी पाए गए शासकीय अधिकारियों का समर्थन कर रहा है ? अब तो महाराष्ट्र शासन को गंभीरता से तत्काल ही सर्व दोषियों पर एफ्.आइ.आर्. (FIR) प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनवा देना चाहिए । इसके साथ ही उनसे देवस्थान से लूटी हुई राशि चक्रवृद्धि (compound interest) ब्याजसहित वसूली जाए । अन्यथा हिन्दू जनजागृति समिति को इसके लिए सडकों पर उतरकर राज्यव्यापी आंदोलन करना होगा । इतना ही नही, आवश्यकता पडने पर न्यायालय में जनहित याचिका भी प्रविष्ट करनी होगी, ऐसी चेतावनी हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. राजन बुणगे ने पत्रकार परिषद में दी । वे धाराशिव में मारवाड गली के श्री बालाजी मंदिर सभागृह में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे । इस पत्रकार परिषद में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर, श्री तुळजाभवानी पुजारी मंडल के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री. किशोर गंगणे उपस्थित थे ।
CID report revealing the corruption of crores of rupees in Shri Tulja Bhavani temple suppressed for 5 years protecting corrupt people.
Hon @CMOMaharashtra @Dwalsepatil @shambhurajdesai , we demand immediate action against the corrupt to safeguard interests of the sacred temple. pic.twitter.com/QBEoQxGGAU
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) May 27, 2022
नागरिकों को कानून की धाक दिखानेवाला प्रशासन, अब मंदिर के करोडों रुपयों के अपहारप्रकरण में मौन क्यों ? – अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर, हिन्दू विधिज्ञ परिषद
‘मंदिर के व्यवस्थापन में सुधार हो, इसलिए मंदिर का सरकारीकरण किया गया है; परंतु वैसा न होकर मंदिर में ही भ्रष्टाचार हो रहा है । इससे यही स्पष्ट होता है कि मंदिरों के सरकारीकरण का उद्देश्य साध्य नहीं हुआ । मास्क अथवा हेल्मेट नहीं पहना; इसलिए दंड वसूली, इसके साथ ही नागरिकों को कानून की छडी दिखानेवाला प्रशासन मंदिर के ८ करोड रुपयों के भ्रष्टाचार प्रकरण में मौन क्यों ?’, ऐसा प्रश्न अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर ने इस अवसर पर उपस्थित किया ।
भ्रष्टाचार प्रकरण में संबंधितों पर अपराध प्रविष्ट कर मंदिर की संपत्ति का काला बाजार बंद करें ! – किशोर गंगणे, भूतपूर्व अध्यक्ष, तुळजाभवानी पुजारी मंडल
मंदिर के अपहारप्रकरण की खरी जानकारी छिपा कर रखी जा रही है । सूचना के अधिकार के अंतर्गत भी योग्य जानकारी नहीं मिलती । इस संदर्भ में अनेक परिवादों की ओर सरकार की उपेक्षा हो रही है । इसलिए मंदिर के अपहारप्रकरण में संबंधितों पर अपराध प्रविष्ट कर मंदिर की संपत्ति का काला बाजार बंद करें !, ऐसी मांग श्री. किशोर गंगणे ने इस अवसर पर की ।
विशेष
पत्रकार परिषद को मिला पत्रकारों का उत्स्फूर्त प्रतिसाद !
पत्रकार परिषद में विविध समाचारपत्र एवं वृत्तवाहिनियों के २२ पत्रकार उपस्थित थे । राज्यस्तरीय वृत्तवाहिनियों ने इस अवसर पर अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर की भेंट ली ।