अमरावती में हिन्दू राष्ट्र्र-जागृति आंदोलन
अमरावती – हमारी भारतीय संस्कृति महान है । माता के सामने नतमस्तक होने की सीख हमें हमारी संस्कृति सिखाती है । माता पर होनेवाले अत्याचार रोकने हेतु प्रसंग आने पर हनुमान जैसी क्षात्रवृत्ति दिखाने की भी सीख देती है । इसलिए हम हिन्दुओं के बच्चों को बलपूर्वक बायबल सिखानेवाली संस्थाओं को हमें सहिष्णु नहीं समझना चाहिए और तत्काल ईसाई विद्यालयों से बायबल सिखाने की सक्ती हटाएं, ऐसा मार्गदर्शन ‘श्री गजानन महाराज सेवा समिति’के ह.भ.प. मदन महाराज तिरमारे ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां हुए हिन्दू राष्ट्र-जागृति आंदोलन में वे बोल रहे थे । इस अवसर पर कॉन्वेंट विद्यालयों में बलपूर्वक बायबल सिखाने का विरोध किया गया । उसके लिए कॉन्वेंट विद्यालयों में बायबल सिखाने की सक्ती न करने के विषय में नारे दिए गए । धर्मप्रेमियों ने इस विषय में फलक हाथ में लेकर निषेध व्यक्त किया ।
समिति के कोल्हापुर जिला समन्वयक श्री. किरण दुसे बोले, ‘‘बायबल सिखाने के लिए चर्च की व्यवस्था के होते हुए विद्यालय समान शैक्षणिक संस्थाओं में सिखाने की सक्ती की जाती है, इसका हम विरोध कर रहे हैं ।’’ सनातन संस्था की श्रीमती विभा चौधरी ने भी इस विषय में अपना मत प्रस्तुत किया ।