सांगली – असंख्य आघात, घाव सहन करनेवाली भारतमाता का मनोगत व्यक्त कर अखंड हिन्दू राष्ट्र का कार्य पूर्णत्व तक ले जाने के लिए सनातन संस्था कार्यरत है । इस देश में १ संविधान, १ भगवान, १ विधान होना अत्यंत आवश्यक है । इस अनुषंग से अधिवेशन में गुटचर्चा, भाषण, इसके साथ ही दिशादर्शन हो । मराठों का प्रखर इतिहास इस अधिवेशन के माध्यम से अधिकाधिक प्रसारित हो । गोवा में होनेवाला ‘दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ सफल होनेवाला ही है और उसके लिए मैं प्रार्थना भी कर रहा हूं, ऐसा प्रतिपादन श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान के संस्थापक पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी ने किया ।
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १२ से १८ जून तक, ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में आयोजित किए गए दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’को उन्हें निमंत्रण दिया गया । तब उन्होंने ये वक्तव्य किए । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती मधुरा तोफखाने, कु. प्रतिभा तावरे, श्री. संतोष देसाई उपस्थित थे । पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी बोले, ‘‘अल्पसंख्य-बहुसंख्य, इसप्रकार की भाषा बंद होनी आवश्यक है । छत्रपति शिवाजी महाराजजी के प्रखर इतिहास का प्रसार हुए बिना हिन्दू राष्ट्र पूर्ण नहीं हो सकता । उसके लिए अधिवेशनस्थल पर ‘कामधेनु की शक्ति’, इसके साथ ही शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे का ‘शिवचरित्र’ उपलब्ध होना चाहिए ।’’