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श्रीरंगपट्ट्नम के अंजनेय मंदिर को ध्वस्त कर टीपू सुल्तान ने बनवाई जामिया मस्जिद – मैसूर पुरातत्व विभाग की १९३५ की रिपोर्ट

हिंदुओं के मंदिरों को ध्वस्त कर मस्जिदों का हुआ निर्माण

कर्नाटक के मांड्या जिले के श्रीरंगपट्ट्नम शहर में मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच मैसूर पुरातत्व विभाग की 1935 की रिपोर्ट को ध्यान में लाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि, टीपू सुल्तान ने अंजनेय मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और मंदिर के मलबे से भूतल को पाटकर जामिया मस्जिद का निर्माण कराया था।

रिपोर्ट के अनुसार, मैसूर और श्रीरंगपट्ट्नम के तत्कालीन शासक टीपू सुल्तान ने क्षेत्र में मस्जिदों के निर्माण के लिए कई मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था। रिपब्लिक टीवी ने अपने रिपोर्ट में कहा, “जामिया मस्जिद का निर्माण टीपू सुल्तान ने अंजनेय मंदिर को ध्वस्त करने के बाद, उसके मलबे से भूतल को भरने के बाद करवाया था।”

क्या कहती है  मैसूर पुरातत्व विभाग की १९३५ की रिपोर्ट

कथित तौर पर, 2004 में प्रकाशित एक एएसआई पत्र, जिसमें मैसूर पुरातत्व विभाग की 1935 की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था, ने यह भी कहा कि वर्तमान जामिया मस्जिद परिसर में संचालित मदरसा भी अवैध है। इस पत्र में उल्लेख किया गया है कि, वक्फ बोर्ड 1979 से मस्जिद परिसर में मदरसे को अवैध रूप से चला रहा है।

हाल ही में विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने ‘श्रीरंगपट्ट्नम चलो’ रैली का आयोजन किया और मस्जिद के अंदर हिंदुओं को पूजा करने के लिए श्रीरंगपट्ट्नम में जामिया मस्जिद की ओर मार्च करने का आह्वान किया। वहीं हिंदू संगठनों का कहना है कि, जामिया मस्जिद का निर्माण टीपू सुल्तान ने 1782 में एक हनुमान मंदिर को तोडकर किया था।

हिंदू जनजागृति समिति और हिंदू संगठनों की मांग

हिंदू संगठनों ने इससे पहले 16 मई को कहा था कि, कर्नाटक के मांड्या में जामिया मस्जिद मूल रूप से एक अंजनेय मंदिर था। उन्होंने मस्जिद में अंजनेय की मूर्ति की पूजा करने की अनुमति मांगी थी और एएसआई से मामले की जांच करने की भी मांग की थी। कार्यकर्ताओं ने मस्जिद परिसर में स्थित तालाब में नहाने की अनुमति भी मांगी थी।

रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू जनजागृति समिति ने बेंगलुरु में टीपू सुल्तान के महल में भी एक सर्वेक्षण की मांग की है, जिसमें दावा किया गया है कि यह एक मंदिर से अतिक्रमित भूमि पर बनाया गया है। हिंदू संगठन के प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने कहा, “अतीत में कई लोगों ने कहा है कि टीपू सुल्तान समर पैलेस के पीछे, यह सब कोटे वेंकटरमण मंदिर था और इस पर सुल्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। यहाँ एक संस्कृत विद्यालय भी हुआ करता था। इस हिंदू मंदिर पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था और अब इसका एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।”

स्त्रोत : ऑप इंडिया 

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