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दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के उपलक्ष्य में गोवा में पत्रकार वार्ता संपन्न

इस्लामी देशों के भारत विरोध का उत्तर देने के लिए हिन्दू राष्ट्र आवश्यक !

12 जून से गोवा में दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन !’

गोवा में गत 10 वर्षाें से होनेवाले ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के कारण देश में हिन्दू राष्ट्र की चर्चा प्रारंभ हुई । उसके पश्चात हिन्दू राष्ट्र का ध्येय सामने रखकर विविध क्षेत्रों में कार्य करना प्रारंभ हुआ है । नुपूर शर्मा भाजपा की प्रवक्ता थीं, तब उन्होंने इस्लाम के संदर्भ में विधान किया था । उस विधान पर विश्व के अनेक इस्लामी राष्ट्र एकत्रित आकर भारत का विरोध कर रहे हैं । अल कायदा ने तो सीधे भारत पर आक्रमण की धमकी दी है; किंतु शिवलिंग को ‘फुहारा’ कहकर अथवा ‘हिन्दू गुप्तांग की (शिवलिंग की) पूजा क्यों करते हैं ?’ ऐसा हेतुतः बोलकर हिन्दुओं की धर्मभावनाओं को आहत करनेवालों के विरुद्ध कोई भी विरोध प्रकट करते हुए दिखाई नहीं देता । इससे ध्यान में आता है कि विश्व में एक  तो हिन्दुओं का राष्ट्र होना क्यों आवश्यक है ? हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य को गति देने के लिए इस वर्ष 12 से 18 जून 2022 की अवधि में ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ आयोजित किया गया है, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने पत्रकार परिषद में दी । पणजी गोवा में आयोजित पत्रकार परिषद में ‘भारत माता की जय संगठन’ के गोवा राज्य संघचालक श्री. सुभाष वेलिंगकर, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे और सनातन संस्था के  प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस यह उपस्थित थे ।

इस वर्ष के हिन्दू अधिवेशन की विशेषता – ‘हिन्दू राष्ट्र संसद’!

सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने आगे कहा कि, इस 10 वें अधिवेशन में हिन्दू राष्ट्र की कार्यपद्धति अंकित करने का प्रयत्न किया जानेवाला है । ‘हिन्दू राष्ट्र में आदर्श राजव्यवहार कैसा होना चाहिए ?’, इस संबंध में दिशादर्शन करने के लिए इस वर्ष के अधिवेशन में ‘हिन्दू राष्ट्र संसद’ का विशिष्ट आयोजन किया गया है । अधिवेशन के तीन दिन ‘हिन्दू राष्ट्र संसद’ ली जाएगी । उसमें ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए संसदीय और संवैधानिक मार्ग’, ‘मंदिरों का उचित प्रबंधन’ और ‘हिन्दू शैक्षणिक नीतियों का अवलंबन कैसा करना चाहिए ?’ इन विषयों पर विशेषज्ञ मान्यवरों द्वारा विस्तृत चर्चा होनेवाली है

‘भारत माता की जय’ संगठन के गोवा राज्य संघचालक श्री. सुभाष वेलिंगकर कहा कि, वर्तमान में देश में सर्वत्र हिन्दुओं के मन में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो गई है । ‘दि कश्मीर फाइल्स’ के पश्चात देशभर में अनेक स्थानों पर दंगे और हिंसा की गई । गोवा में भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो रही है । इन घटनाओं के पीछे ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’(PFI) जैसे कट्टरपंथी संगठन का हाथ है, यह उजागर हुआ है । यह संगठन गोवा में भी सक्रिय हो गया है । इसलिए गोमंतकियों की सुरक्षा के लिए हमने ‘हिन्दू रक्षा महाआघाडी’ का अभिनव प्रयोग किया है । गोवा इनक्वीजिशन के माध्यम से पूर्व में जिस प्रकार हिन्दुओं को प्रताडित किया गया था, उस प्रकार पुनः न हो, इसके लिए हम प्रयासरत हैं

सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने कहा कि, केंद्र में तथा अनेक राज्यों में हिन्दुत्वनिष्ठ दल की सरकार आने के कारण राममंदिर निर्माण, लव जिहाद और धर्मांतरण के विरोध में कानून लागू होना और अनुच्छेद 370 हटाना आदि सकारात्मक कार्य हुआ है, तथापि काशी-मथुरा सहित हिन्दुओं के अनेक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की मुक्ति होना शेष है । ओवैसी कह रहे हैं, ‘ज्ञानवापी मस्जिद नहीं लेने देंगे ।’ मिशनरियों द्वारा बलपूर्वक होनेवाले धर्मांतरण के कारण ‘लावण्या’ जैसी हिन्दू लडकी को आत्महत्या करनी पड रही है । कश्मीरी हिन्दुओं के वंशविच्छेद को 32 वर्ष होकर भी कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या आज भी नहीं रुकी हैं । हिन्दू पलायन कर रहे है । इसलिए हिन्दुओं को संवैधानिक अधिकारों के लिए संगठित होना आवश्यक हो गया है । हिन्दुओं के व्यापक संगठन के लिए यह अधिवेशन दिशादर्शक सिद्ध होगा ।

इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने कहा कि, इस अधिवेशन में अमेरिका, इंग्लैंड, हांगकांग, सिंगापुर, फिजी, नेपाल आदि देशों सहित भारत के 26 राज्यों के 350 से अधिक हिन्दू संगठनों के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों को निमंत्रित किया गया है । इस अधिवेशन में प्रमुखता से ‘काशी की ज्ञानवापी मस्जिद’, ‘मथुरा मुक्ति आंदोलन’, ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’, ‘कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार’, ‘मस्जिदों पर लगे भोंपुओं का ध्वनि प्रदूषण’, ‘हिजाब आंदोलन’, ‘हलाल सर्टिफिकेट एक आर्थिक जिहाद’, ‘हिन्दुओं की सुरक्षा’, ‘मंदिर-संस्कृति-इतिहास की रक्षा’, ‘धर्मांतरण’, ‘गढ-किलों पर इस्लामी अतिक्रमण’ आदि विविध विषयों पर चर्चा की जानेवाली है ।

इस अधिवेशन में प्रमुखता से ‘सी.बी.आई.’ के भूतपूर्व संचालक श्री. नागेश्वर राव, काशी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के विरुद्ध न्यायालयीन संघर्ष करनेवाले अधिवक्ता (पू.) हरिशंकर जैन और उनके सुपुत्र ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, भाजपा के तेलंगाना के प्रख्यात विधायक टी. राजासिंह, ‘पनून काश्मीर’ के श्री. राहुल कौल, अरुणाचल प्रदेश के श्री कुरु थाई, ‘भारत रक्षा मंच’ के राष्ट्रीय सचिव श्री. अनिल धीर सहित अनेक वरिष्ठ अधिवक्ता, उद्योगपति, विचारक, लेखक, पत्रकार, मंदिर न्यासी तथा अनेक समवैचारिक सामाजिक, राष्ट्रीय और आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहनेवाले हैं । ‘भारत सेवाश्रम संघ’ के स्वामी सयुंक्तानंदजी महाराज, ‘इंटरनेशनल वेदांत सोसायटी’ के स्वामी निर्गुणानंदगिरीजी महाराज आदी संतों की वंदनीय उपस्थिति भी इस अधिवेशन को मिलनेवाली है ।

इस अधिवेशन को अभी तक देशभर के 58 से अधिक हिन्दू संगठन, संप्रदाय, विश्वविद्यालय, अधिवक्ता संगठन, पत्रकार, उद्योगपति आदि ने समर्थन पत्र दिए हैं । दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का सीधा प्रक्षेपण हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल द्वारा तथा समिति के ‘HinduJagruti’ इस ‘यू-ट्यूब’ चैनल के द्वारा भी किया जानेवाला है । संसारभर के हिन्दू इसका लाभ उठाएं, ऐसा आवाहन भी इस समय किया गया ।

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