हिन्दू राष्ट्र स्थापना होने तक हिन्दू राष्ट्र की मांग करते रहेंगे – सुनील घनवट, हिन्दू जनजागृति समिति

कोकण के क्रमांक १ के यूट्यूब चैनल ‘कोकण नाऊ’ द्वारा दशम् अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन को व्यापक प्रसिद्धी

सिंधुदुर्ग – ‘कोकण के क्रमांक १ के यूट्यूब चैनल’ ‘कोकण नाऊ’ ने हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा हिन्दू राष्ट्र के लिए हो रहे अथक प्रयत्नों को देखते हुए रामनाथ देवस्थान, रामनाथी, फोंडा, गोवा में १२ से १८ जून तक होनेवाले ‘दशम् अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’की पार्श्वभूमि पर सिंधुदुर्ग जिले के दौरे पर आए समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्यों के संगठक श्री. सुनील घनवट की भेंटवार्ता प्रसारित कर समिति का कार्य, हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना, अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की दिशा एवं ध्येय, ऐसे विविध विषय ४० मिनटों की भेंटवार्ता के माध्यम से समाज तक पहुंचाए । इस अवसर पर श्री. सुनील घनवट ने हिन्दू राष्ट्र का विरोध करनेवालों को दृढता से बताया, ‘हम हिन्दू राष्ट्र की मांग कर रहे थे, कर रहे हैं और कोई कितना भी आक्षेप ले, तब भी जब तक हिन्दू राष्ट्र की स्थापना नहीं होती, तब तक मांग करते ही रहेंगे ।’

सत्त्वगुणी लोगों का राज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र !

भेंटवार्ता में श्री. घनवट ने कहा कि वर्ष २०१२ में हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का प्रारंभ हुआ । उस समय हिन्दू राष्ट्र, यह विषय किसी भी स्तर पर चर्चा में नहीं था; परंत अब इस विषय में सर्वत्र चर्चा होने लगी है । सत्त्वगुणी लोगों का राष्ट्र ही हिन्दू राष्ट्र है । ‘संपूर्ण विश्व ही मेरा घर है’, इतना व्यापक दृष्टिकोण केवल हिन्दू धर्म देता है । अन्य पंथियों में यह व्यापकता नहीं । अन्य पंथियों समान हिन्दू धर्म संकुचित नहीं, अपितु व्यापक धर्म है । इस जग में ईसाई, इस्लाम एवं बौद्ध, ऐसे धर्मियों के अनेक राष्ट्र हैं । ज्यू लोगों का इस्रायल भी स्वतंत्र राष्ट्र है; फिर १०० करोड हिन्दुओं का यह राष्ट्र, हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं घोषित किया जाए ? बहुसंख्य हिन्दू होते हुए भी मतपेटी की राजनीति के कारण हिन्दुओं की उपेक्षा कर, अल्पसंख्यकों की चापलूसी की जा रही है । धर्मनिरपेक्ष देश कहते हुए अन्य पंथियों की चापलूसी करनेवाले इस देश को भला धर्मनिरपेक्ष कैसे कह सकेंगे ? छत्रपति शिवाजी महाराजजी समान सर्वसमावेशक ऐसा राष्ट्र अर्थात हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना है । हिन्दू राष्ट्र की मांग संवैधानिक है । इसमें किसी के विरोध का कोई कारण नहीं । सर्व हिन्दू यदि एक होकर हिन्दू राष्ट्र की मांग करेंगे, तो राजनेताओं को इस पर ध्यान देना ही होगा । उन्हें हिन्दू राष्ट्र घोषित करना होगा ।

केवल समान नागरी कानून होने पर हिन्दू राष्ट्र नहीं होगा !

‘समान नागरी कानून होने पर हिन्दू राष्ट्र आएगा, ऐसा कहा जा रहा है’, इस पर बोले, ‘‘वर्तमान में कुछ राज्यों में समान नागरी कानून है । हिन्दू कानून मानने वाले हैं; परंतु जिन्हें कानून ही मान्य नहीं, जो कानून का पालन नहीं करते, ऐसे कुछ पंथ हैं । इसलिए केवल समान नागरी कानून बनाकर हिन्दू राष्ट्र आएगा, ऐसे नहीं लगता ।’’

सर्व मंदिर मुक्त होने चाहिए !

राममंदिर का काम शुरू हो गया है । उसीप्रकार ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा, काशी मुक्त करने की मांग क्यों न करें ? धर्मबंधुत्व की भावना बोली जा रही है, तो भारतीय मुसलमानों को स्वयं ही आगे आकर हिन्दुओं को आकर कहना चाहिए कि ‘आप अपने मंदिर नियंत्रण में ले लीजिए ।’ देश के ४० सहस्र मंदिर हैं, जिनपर अतिक्रमण किया है । उन पर मस्जिद निर्माण की गई हैं । ये सभी मंदिर मुक्त होने चाहिए, ऐसा घनवट ने इस अवसर पर कहा ।

इस अवसर पर श्री. घनवट ने समिति सामाजिक, शैक्षणिक, आरोग्य आदि विविध स्तरों पर कैसे कार्य कर रही है, इसकी जानकारी दी ।

श्री. सुनील घनवट ने समिति के कार्य को, इसके साथ ही अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के इस प्रखर विषय को संपूर्ण समाज के समक्ष लाने एवं उसे प्रसिद्धि देने के विषय में ‘कोकण नाऊ चैनल’के संपूर्ण गट को धन्यवाद देकर आभार व्यक्त किया ।

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