पुणे – यहां पत्रकार भवन में हुई पत्रकार परिषद में हिन्दू जनजागृति समिति के समन्वयक श्री. शंभू गवारे (६३ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर), समिति के श्री. पराग गोखले (६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर), ‘वीर सावरकर युवा विचार मंच’ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नीलेश लोणकर, अधिवक्त्या (श्रीमती) सीमा साळुंखे, सनातन संस्था के श्री. चैतन्य तागडे (६२ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर) आदि उपस्थित थे ।
हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में समस्या पर केवल चर्चा न होकर उपाय बताए जाते हैं ! – डॉ. नीलेश लोणकर
हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में समस्या पर केवल चर्चा नहीं होती, अपितु उस पर उपाय बताए जाते हैं । इसके साथ ही प्रभावी संगठन कैसे होना चाहिए ? एवं उससे क्या लाभ होते हैं ? इस पर भी दिशादर्शन किया जाता है, ऐसे ‘वीर सावरकर युवा विचार मंच’के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नीलेश लोणकर ने कहा ।
संविधान के आधार पर हिन्दू राष्ट्र घोषित होना चाहिए ! – अधिवक्त्या (श्रीमती) सीमा साळुंखे
‘डेटिंग प’, ‘मैट्रिमोनियल प’ से लव जिहाद के अनेक प्रकरण सामने आए हैं । एकल स्त्रियां एवं पुरुषों का अपलाभ उठाकर, उन्हें फांसा जाता है । हिन्दू धर्म का आचरण, धर्मशिक्षा एवं हिन्दुओं का प्रभावी इतिहास ही आनेवाले काल में जग को बचा सकेगा । इसलिए संविधान के आधार पर हिन्दू राष्ट्र घोषित होना ही चाहिए ।
भारत विश्वगुरु होने के लिए भारत में हिन्दू राष्ट्र निर्माण होना आवश्यक ! – ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ‘लष्कर-ए-हिंद’
मुंबई – भारत को विश्वगुरुपद पर आरूढ हुए देखने के लिए भारत हिन्दू राष्ट्र होना आवश्यक है । हिन्दू राष्ट्र निर्माण होना, ईश्वरीय योजना है, ऐसा प्रतिपादन ‘लष्कर-ए-हिंद’ संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल ने मुंबई की पत्रकार परिषद में व्यक्त किया । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. सतीश कोचरेकर, सनातन संस्था की प्रवक्त्या श्रीमती नयना भगत उपस्थित थीं ।
ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल आगे बोले, ‘‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता क्या है ? और उसे संवैधानिक मार्ग से कैसे निर्माण करना है ? इस विषय में इस अधिवेशन में चर्चा की जानेवाली है । वैदिक सनातन संस्कृति की रक्षा करना, प्रत्येक हिन्दू का कर्तव्य है । भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए सभी देश सहायता करें ।’’
क्षणिकाएं
इस अवसर पर कश्मीर में हिन्दुओं की रक्षा, अधिवेशन के कारण हिन्दुओं में हो रही जागृति के विषय में कुछ पत्रकारों ने उत्स्फूर्तता से सकारात्मक प्रश्न पूछे ।
पंढरपुर देवस्थान की भूमि पुन: प्राप्त करना, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान एवं तुलजापुर के देवस्थानों का ‘सीआइडी’ अन्वेषण अधिवेशनों का फलित ! – मनोज खाडये, समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति
कोल्हापुर – गत १० वर्षाें से हो रहे अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशनों के कारण राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक जागृति निर्माण हुई है । उद्योजक, अधिवक्ता जैसे प्रत्येक क्षेत्र के हिन्दुओं के संगठन तैयार हुए हैं । इस अधिवेशन के कारण हुई न्यायालयीन, इसके साथ ही प्रत्यक्ष लढाई के कारण पंढरपुर के देवस्थान की १ सहस्र एकड से भी अधिक भूमि देवस्थान को पुन: मिली । अनेक देवस्थानों में भ्रष्टाचार के विरोध में लोग खडे हुए । इसके अंतर्गत पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति एवं तुलजापुर के देवस्थान की ‘राज्य अपराध अन्वेषण शाखा’ द्वारा (सीआइडी द्वारा) अन्वेषण होना, यह सब इन अधिवेशनों का फलित है, ऐसा उत्तर हिन्दू जनजागृति समिति के कोकण, पश्चिम महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य समन्वयक श्री. मनोज खाडये ने दिया । वे गोवा में होनेवाले दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के संदर्भ में कोल्हापुर में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे ।
इस अवसर पर हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. शरद माळी, हिन्दू जनजागृति समिति के कोल्हापुर जिला समन्वयक श्री. किरण दुसे, सनातन संस्था के डॉ. मानसिंग शिंदे (६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर) उपस्थित थे ।
हिन्दूहित की चर्चा एवं प्रत्यक्ष कृति करने के लिए प्रेरणादायी, इस अधिवेशन के लिए प्रसिद्धीमाध्यम अधिकाधिक प्रसिद्धी दें ! – शरद माळी, हिन्दुत्वनिष्ठ
इस अवसर पर हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. शरद माळी बोले, ‘‘इससे पूर्व हुए कुछ अधिवेशनों में मैं उपस्थित रहा हूं । हिन्दू धर्म पर होनेवाले आघात, हिन्दू संगठित होने के लिए कैसे प्रयत्न करें ? इसके साथ ही अनेक विषयों पर उसमें मंथन हुआ है । तब भी हिन्दू हित की चर्चा एवं प्रत्यक्ष कृति होनेवाले इस अधिवेशन की प्रसिद्धीमाध्यम अधिकाधिक प्रसिद्धी दें ।’’
क्षणिकाएं
१. पत्रकार परिषद के लिए २० पत्रकार उपस्थित थे ।
२. सभी ने विशालगढ के अतिक्रमण, मंदिर सरकारीकरण, ‘नूपुर शर्मा विषय’, ‘विधवा प्रथा इस संदर्भ में समिति की भूमिका’ के साथ ही विविध विषयों पर समिति की भूमिका जिज्ञासावश जान ली ।
अब तक हिन्दुओं की विविध धर्मसंसदें हुईं, उसमें कुछ वादग्रस्त वक्तव्य हुए । वैसे इस अधिवेशन में न होने हेतु समिति क्या सावधानी रखनेवाली है ? ऐसा पत्रकारों के पूछने पर श्री. मनोज खाडये बोले, ‘‘विविध धर्मांचार्याें की हुई वह धर्मसंसद थी और गोवा में होनेवाली ‘हिन्दू राष्ट्र संसद’ है । इसमें प्रस्तुत किया जानेवाला प्रत्येक विचार एवं कृति संविधानात्मक मार्ग से प्रमुखरूप से ‘हिन्दू राष्ट्र हो’ इसी उद्देश्य से एवं धर्महितार्थ की ही होनेवाली है ।’’