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हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने के पश्चात ही विश्व का कल्याण करने में भारत सक्षम बनेगा – प.पू. स्वामी गोविंद देवगिरी महाराजजी, अयोध्या

भारत में अनादि काल से हिन्दू संस्कृति है । यह संस्कृति प्रगल्भ विचारधारा लेकर आई है । संसार की अन्य संस्कृतियों का लय हो चुका है, तब भी हिन्दू संस्कृति आज भी टिकी हुई है; क्योंकि यह संस्कृति वैदिक विचारधारा पर आधारित है । इस संस्कृति को आगे हिन्दू संस्कृति की विचारधारा के रूप में मान्यता मिली । भारत हिन्दू राष्ट्र ही है । यहां की भूमि में अनेक तीर्थक्षेत्र हैं । हिन्दू परंपरा हमारी मूल विचारधारा है । इसमें कोई मतभेद नहीं हो सकता । यहां की भूमि और समाज हिन्दू परंपरा से भारित है; परंतु इस संबंध में जागृति होना आवश्यक है । इतिहास में हिन्दू संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया गया । उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज और स्वामी विवेकानंदजी ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के सर्वाेत्तम प्रयास किए । हिन्दू राष्ट्र को पुनः मान्यता मिलने के लिए युवकों में हिन्दू संस्कृति के प्रति अभिमान निर्माण होना आवश्यक है । हिन्दू राष्ट्र की दृष्टि से भारत संपन्न बनेगा, तब ही भारत विश्व का कल्याण करने में सक्षम बनेगा ।

हिन्दू जनजागृति समिति का हिन्दू राष्ट्र स्थापना का संकल्प कुछ वर्षाें में पूर्ण होगा !

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