वैशाख शुक्ल १२ , कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, भारतीय गौओंकी प्रजाति नष्ट करनेका प्रयास करनेवाले राजनेताओंको हटाकर हिंदू राष्ट्रकी स्थापना करें !
पणजी : गोवा शासनद्वारा दूध उत्पादमें वृद्धि करनेके उद्देश्यसे संकरित गाएं एवं अधिक दूध देनेवाली भैंसोंका प्रत्यक्ष विक्रय हेतु, संकर सृष्टि हेतु, विदेशी गौओंके पालन हेतु, उनके गोशाला हेतु साथ ही खाद्य हेतु पशुसंवर्धन विभागकी ओरसे विभिन्न योजनाएं बनाई गई हैं; किंतु उसमें देशी गौओंके लिए कोई भी योजना नहीं । इसलिए दूध, गोमूत्र तथा गोमयमें होनेवाले विभिन्न औषधीय गुण, साथ ही हिंदुओंके लिए पवित्र देशी गौओंकी प्रजाति नष्ट होनेके मार्गपर है ।
कामधेनु योजना, स्थानीय गाय संकर योजना, विशेष गाय संवर्धन योजना, आधुनिक दुग्धव्यवसाय योजना, हरा चारा योजना, पश्चिम घाट पशु विक्रय योजना, इन योजनाओंके नाम इस प्रकार हैं । इन योजनाओंके अंतर्गत केवल जर्सी गायके समान अधिक दूध देनेवाली गौओंके विक्रय हेतु तथा उनके पालन हेतु शासनद्वारा अनुदान प्राप्त होता है । कामधेनु योजना अंतर्गत प्रत्येक विदेशी गाय अथवा भैंसके विक्रय हेतु सहस्रों रुपए अनुदान दिए जाते हैं । स्थानीय गाय संकर योजना देशी गौओंकी प्रजातिके लिए अत्यंत घातक है । इस योजनाके अंतर्गत शासनका उद्देश्य प्रतिवर्ष देशी गौओंसे ४०० संकरित प्रजाति सृजन करनेका है । संकरीकरणकी प्रक्रिया पशुसंवर्धन विभागके डॉक्टर बिनामूल्य करेंगे । (संकरित एवं विदेशी गौओंके दुष्परिणामोंके प्रति अनदेखा कर केवल व्यापारी दृष्टिकोणसे संकरित एवं विदेशी गौओंके पालन हेतु योजना करनेवाला शासन भविष्यमें आनेवाली पीढीका शत्रु है । लोगो, इस संदर्भमें शासनको फटकारें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) साथ ही इस योजनाके अनुसार शासनद्वारा किसानको विदेशी गौओंके बीज तथा आवश्यक खाद्यकी पूर्ति की जाएगी । (क्या पर्रीकर शासन यह बता सकते हैं कि भारतीय गौओेंके पालन हेतु इस प्रकारकी योजनाएं क्यों नहीं हैं ? – संपादक) इस योजनाके अंतर्गत कोई भी किसान सडकपर घूमनेवाली गौओंका संकरीकरण कर सकता है । इससे अनर्गल गोवंशकी समस्याका निराकरण भी होगा । इसी उद्देश्यसे शासनद्वारा इस योजनाका आयोजन किया गया है । (बुद्धि भ्रष्ट शासन ! गौएं अनर्गल घूमती हैं, तो उन्हें पकडकर गोशालामें भेजनेकी अपेक्षा भारतीय गौओंका अस्तित्व ही नष्ट करनेकी उपाययोजना करनेवाला शासन क्या सत्तामें रहनेके योग्य है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
विशेष गाय संवर्धन योजनाके अंतर्गत प्रत्येक संकरित गायको १५ माहके लिए खाद्यकी पूर्ति करनेकी योजना शासनद्वारा की गई है । प्रत्येक तीन माहके पश्चात शासनद्वारा १०० किलो खाद्यकी पूर्ति की जाएगी । आधुनिक दुग्ध व्यवसाय योजनाके अंतर्गत संकरित गायोंके लिए गोशाला निर्माणकार्य हेतु ३० प्रतिशत अनुदान, दूध निकालनेका यंत्र, पशुखाद्यकी पूर्ति की जाएगी । संकरित गायवाले किसानोंको हरा चारा उत्पादके लिए प्रतिहेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा । पश्चिम घाट पशुविक्रय योजनाके अंतर्गत काणकोण, सत्तरी, सांगे आदि क्षेत्रके किसानोंको संकरित गौओंके विक्रय हेतु ५० प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात