उद्बोधन सत्र के भाषण में अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी, साथ ही सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के प्रति व्यक्त गौरवोद्गार !
सनातन संस्था के साथ जुडने पर ‘हम अपनी मातृसंस्था में आए हैं’, ऐसा लगा । यहां हमें अपने मन की भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर दिया गया । हिन्दू राष्ट्र स्थापना का उद्घोष करनेवाली सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति ही एकमात्र संगठन हैं । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने के उनके इस लक्ष्य के कारण ही मैं और मेरे पिता इन संगठनों की ओर आकर्षित हुए ।
हमें मिली सफलता परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन
मैं और मेरे पिता ऐसा मानते हैं कि हमें जो सफलता और कीर्ति मिली है, वह परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के आशीर्वाद से मिली है । गुरुदेवजी की साधना और तप के कारण ही हमारा कार्य निर्विघ्नरूप से संपन्न हुआ । काशी विश्वनाथ मंदिर के अभियोग में अबतक हमें जो सफलता मिली है, वह सनातन संस्था, परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी और सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की सफलता है ।
चाहे प्राण भी क्यों न चले जाएं; परंतु मैं अभियोग से पीछे नहीं हटूंगा ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैनजी
काशी विश्वनाथ मंदिर के अभियोगों की ५ याचिकाओं से मैं पीछे हट गया, ऐसी अफवाह फैलाई गई और झूठे समाचार दिए गए; परंतु चाहे प्राण भी क्यों न चले जाएं; किंतु मैं इस अभियोग से पीछे नहीं हटूंगा ।