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गोवा में धर्मांतरण प्रतिबंधक कानून बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने की दशम हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में मांग

राष्ट्रीय स्तर पर धर्मांतरण रोकने के लिए कानून सहित संविधान में संशोधन की आवश्यकता !

राष्ट्रीय स्तर पर धर्मपरिवर्तन रोकने के लिए कानून सहित संविधान में सुधार की आवश्यकता ! – श्री. एम्. नागेश्वर राव, भूतपूर्व प्रभारी महासंचालक, केंद्रीय अपराध अन्वेषण यंत्रणा

बाएं से एम्. नागेश्‍वर राव, श्रीमती एस्‍थर धनराज, सद़्‍गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, श्री. शंकर खरेल एवं श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव

आज देश में प्रतिवर्ष हिन्दुओं का लाखों की संख्या में धर्मांतरण कर उन्हें ईसाई अथवा मुसलमान बनाया जा रहा है । अनेक राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून है, तब भी उजागर रूप से बडी मात्रा में हिन्दुओं का धर्मांतरण कर भारत को तोडने का षड्यंत्र चल रहा है । धर्मांतरण की समस्या देशव्यापी होने के कारण संविधान के अनुच्छेद 25 में सुधार कर उसमें से धर्म का प्रचार करना (Propagate Religion) यह शब्द हटा देना चाहिए । इसके साथ ही गोवा सरकार को विधानसभा में इससे संबंधित प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजना चाहिए । तब ही अवैध  धर्मांतरण पर संपूर्ण प्रतिबंध लगेगा । स्वयं के धर्म का पालन करने में किसी प्रकार की रोक लगाने की आवश्यकता नहीं है; परंतु अन्यों को फंसाकर, बलपूर्वक अथवा उनकी असहायता का अनुचित लाभ उठाकर किए जानेवाले धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है, ऐसी मांग सी.बी.आई. के भूतपूर्व संचालक श्री. एम. नागेश्वर राव ने पत्रकार परिषद में की ।

वे दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के तृतीय दिन फोंडा, गोवा स्थित ‘श्री रामनाथ देवस्थान’ के विद्याधिराज सभागृह में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे । इस अवसर पर व्यासपीठ पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, ईसाई पंथ छोडकर हिन्दू बनी तेलंगाना की श्रीमती एस्थर धनराज, छत्तीसगढ में लाखाें हिन्दुओं की घरवापसी करनेवाले भाजपा के प्रदेशमंत्री श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव और नेपाल के विश्व हिन्दू महासंघ के जिलाध्यक्ष श्री. शंकर खरेल उपस्थित थे ।

धर्माचरण करने पर कोई भी धर्मपरिवर्तन नहीं कर पाएगा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

धर्मांतरण रोकने के लिए हिन्दुओं में धर्मजागृति कर उन्हें धर्मशिक्षा दी जानी चाहिए । धर्मशिक्षा ग्रहण कर धर्माचरण प्रारंभ करने से कोई भी धर्मांतरण नहीं कर पाएगा । गोवा के मुख्यमंत्री श्री. प्रमोद सावंत ने धर्मांतरण प्रतिबंधक कानून बनाने की घोषणा की है  । उसका हम स्वागत करते हैं । उसी प्रकार गोवा में डॉमनिक और मिशनरी द्वारा जो धर्मातंरण चल रहा है, उसे रोकने के लिए गोवा में धर्मांतरणविरोधी कानून के साथ संविधान में बदलाव करना आवश्यक है ।

धर्मपरिवर्तन रोकने के लिए प्रत्येक ग्रामपंचायत में धर्म समिति स्थापित होनी चाहिए ! – श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव, प्रदेशमंत्री, छत्तीसगड, भाजप

छत्तीसगढ के भाजपा के प्रदेशमंत्री श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव ने कहा कि, हिन्दुओं का धर्मांतरण करनेवाली विदेशी शक्तियों के पास प्रचंड पैसा और साधन हैं । मेरे पिताजी ने लाखों हिन्दुओं की तथा मैंने 15 हजार हिन्दुओं की घरवापसी की है; परंतु यह करते समय हमपर मिशनरी तथा नक्सलवादियों द्वारा प्राणघातक आक्रमण किए गए हैं । धर्मांतरण रोकने के लिए प्रत्येक ग्रामपंचायत में धर्म समिति स्थापित कर धर्मसेना बनानी चाहिए, उससे अच्छा लाभ हुआ है । नेपाल के श्री. शंकर खरेल ने कहा कि नेपाल में 3 करोड जनसंख्यावाले देश में 30 लाख लोग धर्मांतरित हो गए हैं । यह चिंता का विषय है । यह धर्मांतरण रोकने के लिए गरीबी, शिक्षा और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं पर काम करने की आवश्यकता है । तेलंगाना की एस्थर धनराज ने कहा कि, मैं स्वयं ईसाई थी; परंतु अमेरिका जाने के पश्चात बाइबिल का अध्ययन करने पर मेरे ध्यान में आया कि, उसमें तर्कशास्त्र नहीं है । आगे भारत में आने पर मिशनरी लोगों द्वारा धर्मांतरण के लिए चल रहे षड्यंत्र देखकर उसके विरोध में जागृति चल रही है तथा धर्मांतरित हिन्दुओं को पुनः हिन्दू धर्म में लाने का तथा युवकों को समुपदेशन करने का काम कर रही हूं ।

नेपाल के श्री. शंकर खरेल बोले, ‘‘नेपाल में ३ करोड की लोकसंख्या के देश में ३० लाख लोग धर्मांतरित हुए हैं । यह चिंताजनक है । यह धर्मपरिवर्तन रोकने के लिए निर्धनता, शिक्षा एवं अन्य मूलभूत बातों पर काम करने की आवश्यकता है ।’’

तेलंगाना की एस्थर धनराज ने कहा, ‘‘मैं स्वयं ईसाई थी । अमेरिका जाने के पश्चात बायबल का अभ्यास करने पर ध्यान में आया कि उसमें तर्कशास्त्र नहीं है । फिर भारत आने पर मिशनरियों द्वारा धर्मपरिवर्तन हेतु रचे जा रहे षड्यंत्रों को देखकर, मैंने उसके विरोध में जागृति करना आरंभ किया । इसके साथ ही अब धर्मांतरित हिन्दुओं को पुन: हिन्दू धर्म में लाने एवं युवकों को समुपदेशन करने का काम कर रही हूं ।’’

पत्रकार परिषद प्रश्नोत्तर

१. पत्रकारों के प्रश्न का उत्तर देते समय सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे बोले, ‘‘भारत में यदि सर्वधर्मसमभाव अर्थात सर्व धर्म समान हैं, तो ‘धर्मपरिवर्तन’ करने हेतु भारत में अनुमति क्यों ? स्वतंत्रता के उपरांत पूर्वोत्तर राज्यों में भारी मात्रा में धर्मपरिवर्तन हुआ । इसके लिए शासन से अनुमति कैसे मिल गई ?

२. भारतीय व्यवस्था की अनेक व्यवस्थाएं इस शब्दछल में फंस गईं हैं । इसलिए न्यायव्यवस्था के साथ-साथ अनेक व्यवस्थाओं से अपेक्षित न्याय नहीं मिलता । हिन्दू राष्ट्र में अयोग्य कृति करनेवालों को कठोर दंड दिया जाएगा ।’’

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