झारखंड के गिरिडीह में पचंबा थाना क्षेत्र के हटिया रोड पर करीब 150 मकान-दुकानों पर ‘बिक्री है’ के पोस्टर लगे हैं। ये मकान-दुकान हिंदुओं के बताए जा रहे। रिपोर्टों के अनुसार 12 जून 2022 की रात पथराव की घटना के बाद पुलिस की एकतरफा कार्रवाई ने हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया है। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को नकार दिया है।
शान्तिदूतों से आहत होकर हिंदुओं को छोड़ना पर रहा घरबार।
झारखंड के गिरिडीह में हिंदुओं के 150 मकानों-दुकानों पर लगा 'बिकाऊ है' का पोस्टर.
स्थानीय नागरिकों ने लगाया आरोप आए दिन होती है पत्थरबाजी और छेड़खानी जैसी घटनाएं, पुलिस मामले में करती है एकपक्षीय कार्रवाई। pic.twitter.com/wFd14dd7pg
— Kashyap (@Kashyap_updates) June 15, 2022
रिपोर्ट्स के अनुसार 12 जून को छेड़खानी को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हुआ था। विवाद बढने पर पथराव शुरू हो गया। भारी पुलिस बल ने हालत को काबू किया था। इसके अगले दिन सोमवार (13 जून 2022) को पुलिस ने 2 नाबालिगों सहित कुल 7 को गिरफ्तार कर हजारीबाग रिमांड होम और गिरिडीह जेल भेज दिया। इस कार्रवाई को हिन्दुओं ने एकतरफा बता कर पलायन की घोषणा की है।
https://t.co/mWH3ebMXnH #झारखंड के गिरिडीह में भी सांप्रदायिक तनाव, हिंदुओं के 150 मकानों-दुकानों पर 'बिकाऊ है' के पोस्टर
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स्थानीय निवासियों का कहना है कि, वे आए दिन होने वाली छेडछाड, पत्थरबाजी और विरोध करने वालों पर होने वाली एफआयआर की घटनाओं से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि गुनाहगार आराम से घूम रहे हैं, जबकि बेगुनाह जेल भेजे जा रहे हैं। पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने बुधवार (15 जून 2022) को धरना भी दिया। धरने में शामिल लोगों के अनुसार उन लोगों पर भी केस दर्ज हो गए हैं जो पथराव के दौरान अपनी दुकानों और घरों को बचाने की कोशिश कर रहे थे।
स्त्रोत : ऑप इंडिया