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ज्ञानवापी हिंदुओं की, वहां जबरदस्ती पढी जा रही है नमाज : पू. (अधिवक्ता) हरिशंकर जैन

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद सहित हिंदुओं के दर्जनों के केस लड चुके वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि जिस पूजा स्थल कानून के आधार पर मुस्लिम सुनवाई रोकने की माँग कर रहे हैं, वहीं हिंदुओं की जीत का आधार बनेगा।उन्होंने कहा कि विवादित परिसर में शिवलिंग का मिलना इस बात को स्पष्ट करता है कि वहां पहले मंदिर था और उसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। इसलिए इस मस्जिद को गिराई जानी चाहिए और मंदिर हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए।

ज्ञानवापी मंदिर की सच्चाई

पू. हरिशंकर जैन ने कहा कि, तहखाने के बीचों-बीच आदि विश्वेश्वर का स्थान है और शिवलिंग पहले यहीं स्थापित था। उन्होंने कहा कि मस्जिद अब भी पुराने मंदिर की नींव पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि मंदिर को तोड़कर उस पर जबरदस्ती कब्जा किया गया और उसके बाद वहां नमाज पढ़ी जाने लगी। उन्होंने कहा कि, विवादित ढांचा परिसर की वीडियोग्राफी हो चुकी है। इसी बहाने पर शिवलिंग की भी वैज्ञानिक जांच हो जाएगी और जो लोग इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, उनकी भी जुबान बंद हो जाएगी।

दिल्ली के कुतुब मीनार मामले में वकील जैन ने कहा कि, यहां 27 हिंदू-जैन मंदिरों को तोड़कर उनके मलबे से मस्जिद का निर्माण किया गया है। इसे कुव्वत-उल-इस्लाम नाम दिया गया, यानी इस्लाम की ताकत।उन्होंने कहा कि वह मस्जिद नहीं, इस्लाम की ताकत का प्रतीक है कि देखो हिंदुओं हम तुम्हारे मंदिर तोड़ सकते हैं। इस बात के प्रमाण उपलब्ध हैं कि इस मस्जिद को 27 मंदिरों को तोड़ने के बाद बनवाया गया है।

अधिवक्ता हरिशंकर जैन का हिंदुओं के मंदिर पुनर्प्राप्त अभियान एवं योगदान

69 वर्षीय पू. हरिशंकर जैन 1989 से हिंदुओं का केस बिना फीस लिए लड रहे हैं। पिछले 33 सालों में वे 110 केस लड चुके हैं। इनमें ज्ञानवापी, कुतुब मीनार, ताजमहल, मथुरा, टीले वाली मस्जिद और भोजशाला सहित 7 बड़े केस शामिल हैं। उनका साथ उनके अधिवक्ता बेटे विष्णु जैन देते हैं। उन्होंने कहा कि देश में जहां-जहां मंदिर तोड़े गए हैं और जिसके प्रमाण हैं, उनकी वे लड़ाई लड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि, हिंदुओं के लिए सारे केस वे अपने खर्चे पर लडते हैं। उनकी कमाई का आधा लिटिगेशन में ही चला जाता है। जैन का कहना है कि, उनके पीछे न कोई संगठन है और न ही वे किसी से पैसा लेते हैं। वे अपनी सुरक्षा की भी मांग नहीं करते, क्योंकि यह एक तरह का स्टेटस सिंबल है। उन्हें यह पसंद नहीं है।

स्त्रोत : ऑप इंडिया

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