दशम् ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के समस्त हिन्दुत्वनिष्ठों का दृढ विश्वास!
वर्तमान में काल हिन्दुओं के लिए अनुकूल है । 10 वर्ष पूर्व हिन्दू राष्ट्र का प्रथम अधिवेशन आयोजित करने पर सभी संदेह की दृष्टि से ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्दप्रयोग की ओर देख रहे थे । आज 10 वर्ष पश्चात संसद में हो अथवा जनसंसद में हो, ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द प्रचलित हो गया है । पुरी के शंकराचार्यजी का ‘हिन्दू राष्ट्रसंघ’, काशी विद्वत परिषद की ‘संस्कृति संसद’ से दक्षिण भारत का ‘सेव टेंपल्स’ और ‘रिक्लेम टेंपल्स’ ऐसे सैकडों अभियान हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र की दिशा में संपूर्ण भारत में प्रारंभ हो गए हैं । हिन्दुओं ने ‘हिन्दू राष्ट्र’ की संकल्पना स्वीकारी है । अखंड हिन्दू राष्ट्र का कार्य अब कोई नहीं रोक सकता । इसलिए ‘हिन्दू राष्ट्र’ के विरोध में राष्ट्रविरोधी, धर्मविरोधी, सेक्युलरवादी आदि कार्यरत होते है तो उनका सामना करने के लिए समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने पांडवों के समान ‘वयं पंचाधिकम् शतम्’ (‘हम एक सौ पांच’) एकत्रित आकर संघर्ष करने के लिए तैयार होना चाहिए, ऐसा आवाहन दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में देशविदेश से आए संगठनों को किया गया है, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के संगठक श्री. सुनील घनवट ने पत्रकार परिषद में दी । फोंडा, गोवा की पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे । इस समय ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के गोवा राज्य समन्वयक श्री. सत्यविजय नाईक एवं श्री. तुळशीदास गांजेकर उपस्थित थे ।
हिन्दू राष्ट्र के लिए कार्य करनेवालों का नाम भी इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा ! – टी. राजासिंह
इस अधिवेशन में सम्मिलित ‘तेलंगाना के भाजपा के प्रखर हिन्दुत्ववादी विधायक श्री. टी. राजासिंह ने कहा कि, संतों ने वर्ष 2025 तक भारत हिन्दू राष्ट्र बनेगा, ऐसा कहा है । हिन्दू राष्ट्र स्थापना से पूर्व आनेवाले तूपान का सामना करने के लिए प्रत्येक हिन्दू को तैयार रहना पडेगा । भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करनेवाले भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया । उसी प्रकार हिन्दू राष्ट्र के लिए समर्पित होकर कार्य करनेवालों का नाम भी इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा ।
इस समय समिति के गोवा राज्य समन्वयक श्री. सत्यविजय नाईक ने कहा कि, हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के संबंध में समाज में जागृति लाने के लिए समानसूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा’, ‘हलाल जिहाद से संबंधित जनजागृति बैठक’, ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति आंदोलन’, ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन आदि विविध उपक्रम इस आनेवाले वर्ष में कार्यान्वित किए जानेवाले हैं । ऐसे योजनाबद्ध, नि:स्वार्थ वृत्ति से किए गए संगठित कार्य से ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी और यही कार्य देश को कल्याणकारी भविष्य की ओर ले जाएगा ।
अमेरिका और नीदरलैंड के धर्मप्रेमी हिन्दुओं ने ‘I support Hindu Rashtra Adhiveshan’ इस प्रकार के फलक हाथ में लेकर हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का समर्थन किया है । इसलिए इस अधिवेशन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिल रहा है ।
दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में पारित हुए प्रस्ताव !
1. भारत के बहुसंख्यक हिन्दुओं को न्याय देने के लिए संविधान से ‘सेक्युलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्द हटाकर वहां ‘स्पिरिच्युअल’ शब्द जोडा जाए और भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाए ।
2. ‘नेपाल हिन्दू राष्ट्र घोषित हो’, नेपाल के हिन्दुओं की इस मांग का यह अधिवेशन संपूर्ण समर्थन करता है ।
3. हिन्दुओं के मूलभूत अधिकारों का हनन करनेवाला ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991’ कानून तत्काल निरस्त कर काशी, मथुरा, ताजमहल, भोजशाला आदि मुगल आक्रमणकारियों द्वारा हडपे गए मंदिर और भूमि हिन्दुओं के नियंत्रण में दी जाए ।
4. सरकार के नियंत्रण में देशभर के जो मंदिर हैं, उन सर्व मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त कर मंदिर भक्तों को सौंपे जाएं ।
5. केंद्र सरकार संपूर्ण देश में ‘गोवंश हत्या प्रतिबंधक’ और ‘धर्मांतरण प्रतिबंधक’ कानून पारित करे । धर्मांतरण रोकने के लिए संविधान के अनुच्छेद 25 में सुधार कर उसमें से धर्म का ‘प्रचार’ (Propagate) शब्द हटाया जाए ।
6. भारत में ‘एफ.एस.एस.ए.आई.’(FSSAI) और ‘एफ.डी.ए.’(FDA) जैसी सरकारी संस्थाएं होते हुए धार्मिक आधार पर ‘समांतर अर्थव्यवस्था’ निर्माण करनेवाले ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए ।
7. गोवा मे ‘इन्क्विजिशन’ के नाम पर 250 वर्ष गोमंतकियों पर किए गए अमानवीय और क्रूर अत्याचारों के लिए ईसाइयों के धर्मगुरु पोप गोवा की जनता की सार्वजनिक माफी मांगे ।
8. कश्मीर घाटी में ‘पनून कश्मीर’ नामक केंद्रशासित प्रदेश की निर्मिति कर वहां विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वसन किया जाए ।
9. पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों की पूछताछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और भारत सरकार करे तथा वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुरक्षा दी जाए ।
10. भारत में घुसपैठ किए हुए रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी मुसलमानों को वापस भेजने के लिए सरकार कठोर कानून बनाए । सी.ए.ए. (नागरिकता सुधार कानून) कानून को तत्काल कार्यान्वित किया जाए ।
11. गत कुछ वर्षाें में अहिन्दुओं की जनसंख्या का विस्फोट देखते हुए सर्वधर्मियों की जनसंख्या का संतुलन बनाए रखने के लिए देश में तत्काल ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ लागू किया जाए ।
12. मानवता की दृष्टि से और संवैधानिक अधिकारों का विचार कर गोवा के मुख्यमंत्री श्री. प्रमोद सावंत कर्नाटक की ‘श्रीराम सेना’ के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक पर गोवा राज्य में लगाई गई प्रवेश बंदी हटाएं ।