कांवड यात्रा के दौरान हर-हर शंभू गाना गाकर अपने यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड करने वाली गायिका फरमानी नाज की प्रशंसक सराहना कर रहे हैं। शनिवार तक 27 हजार लोगों ने गाना पंसद किया है, जबकि सवा चार लाख लोग इसे देख चुके हैं। उधर, उलेमा ने नाज के शिव भजन गाने का विरोध किया है।
अपने गांव से इंडियन आइडियल के मंच तक फरमानी अपनी पहचान बना चुकी है। हर बार वह प्रशंसकों के सामने नए अंदाज में प्रस्तुति देती हैं। 24 जुलाई को कांवड यात्रा के दौरान फरमानी ने कलाकार परविंदर सिंह के साथ मिलकर हर हर शंभू गाना गाकर अपने यू-टयूब चैनल पर अपलोड किया था।
UP | A YouTube-based singer Farmani Naaz (in pic) released a Shiv Bhajan 'Har Har Shambhu' recently; some Muslim clerics allegedly called it 'anti-Islamic', saying that singing & dancing is prohibited in Islam. pic.twitter.com/jwRjSCBKBV
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 1, 2022
प्रशंसकों ने यह भी कहा कि एक मुस्लिम होने के बावजूद बेहद सुंदर तरीके से भजन प्रस्तुत किया गया। कांवड़ यात्रा के दौरान फरमानी अपनी टीम के साथ हरिद्वार में देखी गई। अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए कई वीडियो और भजन भी जारी किए हैं। उधर, कुछ उलमा और मुस्लिम समाज के लोग नाराज भी हैं।
दूसरे धर्म की शिनाख्त वाले कार्यों से करें परहेज
फतवा ऑनलाइन के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी ने गायिका फरमानी नाज का नाम लिए बगैर कहा कि किसी दूसरे धर्म की शिनाख्त वाले कार्यों से मुसलमानों को परहेज करना चाहिए। क्योंकि इस्लाम मजहब में इस तरह के क्रियाकलापों की सख्ती के साथ मनाही है। कहा कि, मुसलमानों को अन्य धर्मों के लोगों की तरह अपने धर्म की शिक्षाओं पर अमल करना चाहिए और गैर इस्लामी कामों से बचना चाहिए।
वहीं देवबंद के मुफ्ती असद कासमी ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुफ्ती असद कासमी ने कहा – इस सिलसिले में यही कहूंगा कि, इस्लाम में शरीयत के अंदर कोई भी किसी भी तरह का गाना जायज नहीं है। मुसलमान होते हुए यदि कोई गाना गाता है तो यह क्षमा लायक नहीं है। महिला ने गाना गाया है वो शरीयत के खिलाफ है। महिला को इससे तौबा करना चाहिए।
स्रोत : अमर उजाला