कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर के एक निजी विद्यालय में सुबह की प्रार्थना के दौरान बच्चों को कलमा पढ़ने के लिए बाध्य किए जाने पर अभिभावकों की आपत्ति के बाद विद्यालय के प्रबंध निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सीसामऊ के सहायक पुलिस आयुक्त निशंक शर्मा ने कहा कि, फ्लोरेट्स इंटरनेशनल विद्यालय के प्रबंध निदेशक सुमित माखीजा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए और उत्तर प्रदेश गैर कानूनी धर्म परिवर्तन निषेध कानून, 2021 की धारा 5(1) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं, इस मामले को लेकर विद्यालय मैनेजर ने कहा कि धार्मिक प्रार्थना की जगह विद्यालय में केवल राष्ट्रगान कराया जाएगा।
“जिहादी साज़िश”
“सावधान”
कही आपके बच्चे को “गीता और रामायण” के बदले “कलमा” तो नही पढ़ाया जाता ?
यूपी के कानपुर में हिंदू बच्चों को जबरन पढ़वाया जाता है कलमा।फलोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल में हिंदू बच्चों को दी जा रही है जिहादी शिक्षा।अभिभावकों के शिकायत पर DM ने दिए जांच के आदेश। pic.twitter.com/zxGulFAebm
— ALOK JHA (@STVAlok) August 1, 2022
डीएम के निर्देश पर जांच करने पहुंचे BSA, प्रबंध निदेशक से मांगा स्पष्टीकरण
इस मामले को लेकर सहायक पुलिस आयुक्त निशंक शर्मा ने कहा कि, एक बच्चे के पिता रवि राजपूत की शिकायत पर सीसामऊ पुलिस थाना में यह मामला दर्ज किया गया है और इस मामले में जांच शुरू की गई है। कानपुर के जिलाधिकारी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह भी मंगलवार को उस विद्यालय में पहुंचे और माखीजा तथा अन्य लोगों से इस संबंध में पूछताछ की। बीएसए ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है और उन्हें विद्यालय और इसके भवन के संबंध में दस्तावेज जमा करने के लिये भी कहा गया है।
अभिभावकों की आपत्ति के बाद धार्मिक प्रार्थनाओं पर लगा दी गई रोक – विद्यालय प्रबंधन
फ्लोरेट्स इंटरनेशनल विद्यालय के प्रबंध निदेशक सुमित माखीजा ने कहा कि बच्चों के अभिभावकों की आपत्ति के बाद सुबह की सभा के दौरान धार्मिक प्रार्थना पर रोक लगा दी है। विश्व हिंदू परिषद और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद हमने सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया था। विद्यालय को और दो दिन मंगलवार और बुधवार को बंद रखने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि सर्व धर्म सम्मान दर्शन के तहत सुबह की सभा के दौरान गायत्री मंत्र और गुरुबानी का गायन भी किया जाता है। एक बच्चे के अभिभावक द्वारा यह ट्वीट किए जाने के बाद कि दो दशक पुराने संस्थान में बच्चों को कलमा तैय्यब का गायन करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, यह विवाद पैदा हुआ।
धार्मिक प्रार्थनाओं की जगह होगा राष्ट्रगान – एसीपी
इस पूरे विवाद के तूल पकडने के बाद एसीपी (सीसामऊ) निशंक शर्मा ने बताया कि ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल होने के तुरंत बाद इसकी सूचना जिला मजिस्ट्रेट और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा की गई। उन्होंने कहा कि हमने सुमित माखीजा से पूछताछ की और उसने स्पष्ट किया कि चार धर्मों की प्रार्थना सुबह की सभा के दौरान बच्चों से कराई जाती थी। विद्यालय गायत्री मंत्र, गुरुबानी और दुआ के गायन को प्रोत्साहित करता रहा है जिससे बच्चे यह सीख सकें कि सभी धर्म समान हैं। विद्यालय मैनेजर ने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि विद्यालय में किसी भी प्रकार की धार्मिक प्रार्थना ना की जाए। धार्मिक प्रार्थना की जगह विद्यालय में केवल राष्ट्रगान कराया जाएगा।
स्रोत : एशियन नेट