सरकार ने बाबा रामदेवजी को सौंपी नए बोर्ड की कमान
केंद्र सरकार ने आजादी के 75 साल पूरे होने पर भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन करके उसके संचालन की जिम्मेदारी योगऋषि बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को सौंपा है। योगऋषि बाबा रामदेव ने यह जिम्मेदारी दिए जाने पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। स्वामी रामदेवजी ने कहा कि, जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने आज भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन करके एक और ऐतिहासिक कार्य किया है।
आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन कर देश को दिया बड़ा तोहफा बाबा रामदेव का सपना हुआ साकार मैकाले की शिक्षा पद्धति हुई ध्वस्त भारतीय शिक्षा पद्धति होगी लागू स्कूल की शिक्षा के साथ-साथ वेद शास्त्र गीता का भी अध्ययन कराया जाएगा*#भारतीयशिक्षाबोर्ड pic.twitter.com/pOpOdDPzrS
— Mamta Srivastava (@MamtaSr51803324) August 6, 2022
बता दें कि, शिक्षा का ‘स्वदेशीकरण’ करने के लिए सीबीएसई की तर्ज पर एक राष्ट्रीय विद्यालय बोर्ड स्थापित करने का विचार सबसे पहले स्वामी रामदेवजी ने ही सामने रखा था। वर्ष 2015 में उन्होंने अपने हरिद्वार स्थित वैदिक शिक्षा अनुसंधान संस्थान (VRI) के जरिए एक नया विद्यालयीन शिक्षा बोर्ड शुरू करने का विचार प्रस्तुत किया। इस विद्यालयीन शिक्षा बोर्ड में ‘महर्षि दयानंद की पुरातन शिक्षा’ और आधुनिक शिक्षा का मिश्रण करके भारतीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना की जानी थी। हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2016 में यह प्रस्ताव खारिज कर दिया था।
इसके बाद बाबा रामदेवजी ने फिर से प्रयास किए और मोदी सरकार के मंत्रियों से मिलकर भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) शुरू करने के फायदे बताए। जिसके बाद वर्ष 2019 के आम चुनाव शुरू होने कुछ अर्सा पहले भारतीय शिक्षा बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया था। जिससे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले मंजूरी मिल जाए।
वहीं शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले स्वायत्त संगठन उज्जैन स्थित महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान (MSRVPP) ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। दरअसल MSRVPP अपना खुद भारतीय शिक्षा बोर्ड शुरू करना चाह रहा था। लेकिन सरकार ने उसकी आपत्तियों को खारिज कर दिया। BSB देश का पहला राष्ट्रीय स्कूल बोर्ड माना जाएगा और उसे सिलेबस तैयार करने, स्कूलों को संबद्ध करने, परीक्षा आयोजित करने और प्रमाण पत्र जारी करके भारतीय पारंपरिक ज्ञान का मानकीकरण करने का अधिकार होगा। वह आधुनिक शिक्षा के साथ इसे मिश्रित करके भारतीय परंपरा के अनुसार पढ़ाई करवाएगा।
‘मैकाले के पाप धोने का समय आ गया’
इस उपलब्धि पर स्वामी रामदेवजी ने कहा कि, 1835 में मैकाले जो पाप करके गया था उसको साफ करने का कार्य पतंजलि भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से करने जा रहा है। अब भारत के बच्चों का मानस भारतीयता के अनुसार तैयार किया जाएगा। उन्होंने भारतीय शिक्षा बोर्ड के गठन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। स्वामी रामदेवजी ने कहा कि, भारत में हम वो युवा नेतृत्व गढ़ेंगे, जो भारत ही नहीं पूरे विश्व में नेतृत्व करेंगे।
स्रोत : जी न्यूज