गणेशोत्सव मंडल एवं श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान की आग्रही भूमिका
इचलकरंजी (जिला कोल्हापुर) – प्रशासन द्वारा इचलकरंजी में पंचगंगा नदी में घरेलू, इसके साथ ही सार्वजनिक गणेशोत्सव में श्री गणेशमूर्ति के विसर्जन हेतु अनुमति दें, ऐसी आग्रही भूमिका गणेशोत्सव मंडल एवं श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान ने ली । गणेशोत्सव मंडलों के मंगलधाम के निकट श्री गणपति मंदिर में आयोजित बैठक में यह भूमिका रखी गई । इस मांग के लिए १० अगस्त को सवेरे ११ बजे महापालिका में प्रशासकों से मिलकर निवेदन दिया जाएगा । अत: उसके लिए अधिकाधिक गणेशभक्त, इसके साथ ही मंडलों के पदाधिकारी, कार्यकर्ता उपस्थित रहें, ऐसा आवाहन किया गया है ।
इस प्रसंग में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. आदित्य शास्त्री बोले, ‘‘श्री गणेशमूर्ति विसर्जन, यह हिन्दुओं का धार्मिक अधिकार होने से प्रशासन हिन्दुओं को न रोके ।’’ इस बैठक के लिए शिवसेना के भूतपूर्व नगरसेवक श्री. मलकारी लवटे, भूतपूर्व नगरसेवक श्री. अमरजीत जाधव, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान इचलकरंजी के कार्यवाह श्री. प्रसाद जाधव, सर्वश्री राजेंद्र जोग, प्रमोद बचाटे, शंतनु पवार, मंगेश म्हसकर उपस्थित थे ।
श्री गणेशमूर्ति पंचगंगा नदी में विसर्जन करने की अनुमति मिलने के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे ! – प्रकाश आवाडे, अपक्ष विधायक
इचलकरंजी (जिला कोल्हापुर) – महाराष्ट्र शासन ने इस बार गणेशोत्सव मंडलों को गणेशोत्सव उत्साहपूर्वक मनाने की अनुमति दी है । इचलकरंजी में घरेलु, इसके साथ ही गणेशोत्सव मंडल श्री गणेशमूर्तियों को पंचगंगा नदी में ही विसर्जन करते हैं । इसलिए प्रशासन मंडल एवं घरेलु श्रीगणेशमूर्तियों को पंचगंगा में ही विसर्जन करने दें । ऐसा न होने पर उत्साहपूर्ण वातावरण में होनेवाली शोभायात्राओं में खटाई पड जाने समान होगा । इसलिए श्री गणेशमूर्ति पंचगंगा नदी में विसर्जन करने की मांग के लिए मैं भी आग्रही होने से मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों से चर्चा कर यह अनुमति प्राप्त करने के लिए प्रयत्नरत हूं, ऐसा विधायक श्री. प्रकाश आवाडे ने दैनिक ‘सनातन प्रभात’के प्रतिनिधि से बोलते समय कहा ।
विधायक श्री. प्रकाश आवाडे बोले, ‘‘गणेशोत्सव शोभायात्राओं का मार्ग, शिवतीर्थ से होकर नदी की ओर ही जाता है । इसलिए उसी स्थान पर विसर्जन करना सुलभ है । गत २ वर्ष कोरोना के कार्यकाल में बाधाओं के कारण मंडल एवं गणेशभक्त ने प्रशासन को पुरा सहयोग दिया । गत २ वर्ष जिस शहापुर की हौद में श्री गणेशमूर्ति विसर्जन की जा रही थीं, उस हौद का पानी अत्यंत दूषित है । इसलिए मूर्ति इस नदी में ही विसर्जित करना उचित होगा । जिन्हें लगता है कि श्री गणेशमूर्ति के कारण प्रदूषण होता है, वे उस विषय में विस्तृत चर्चा करें तथा वास्तव के किन बाताें से नदी प्रदूषित होती है वे कारण भी सामने आने आवश्यक हैं ।’’