राष्ट्रध्वज अर्थात राष्ट्र की अस्मिता ! १५ अगस्त एवं २६ जनवरी को राष्ट्रध्वज बडे अभिमान से मिरवले जातात; परंतु यही राष्ट्र्रध्वज उस दिन शाम के उपरांत रास्ते पर, कूडेदान अथवा गटर में फटी हुई अवस्था में मिलता है । राष्ट्रध्वज का यह अनादर रोकने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा गत १९ वर्ष ‘राष्ट्रध्वज का सम्मान करें’ इस मुहिमद्वारा भारी मात्रा में विविध माध्यमों द्वारा जनजागृति की गई है । इस जनजागृति मुहिम के कारण प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज का उपयोग ९५ प्रतिशत थम गया है और अन्य माध्यमों से होनेवाला अनादर रोकने में भी सफलता मिली ।
प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज का उपयोग रोकने के लिए याचिका
प्लास्टिक के ध्वज तुरंत नष्ट नहीं होते । इसलिए अनेक दिन उनका अनादर खुली आंखों से देखना पडता है । राष्ट्रध्वज का यह अनादर रोकने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय में वर्ष २०११ में एक जनहित याचिका प्रविष्ट की गई थी । इस पर न्यायालय ने प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज द्वारा होनेवाला अनादर रोकने के लिए शासन को आदेश दिए । उच्च न्यायालय ने विशेषरूप से शासन को आदेश दिया कि ‘राष्ट्रध्वज का अनादर रोकने के लिए कृति समिति स्थापित करें एवं उसमें सामाजिक संस्थाओं को भी सम्मिलित करें !’ इसमें प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज द्वारा होनेवाला अनादर रोकने के लिए विविध माध्यमों से जनजागृति करना अभिप्रेत है ।
गत १९ वर्षों से आरंभ मुहिम !
हिन्दू जनजागृति समिति ने वर्ष २०११ में याचिका प्रविष्ट की थी; अत: राष्ट्रध्वज का अनादर रोकने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति गत १९ वर्षों से अथक प्रयत्नरत है । इसके अंतर्गत व्याख्यान लेना, प्रश्नमंजुषा लेना, हस्तपत्रकों का वितरण, भीतपत्रक-फ्लेक्स लगाना, स्थानीय केबल वाहिनियों पर जागतीपर दृश्यचक्रिका दिखाना, रास्ते पर पडे हुए राष्ट्रध्वज को एकत्र करना, सामाजिक माध्यमों द्वारा जनजागृति मुहिम करना आदि कृत्य किए जाते हैं । इस मुहिम में देशभर में विविध जिलों में विद्यालय, महाविद्यालय, लोकप्रतिनिधि, पुलिस एवं प्रशासकीय अधिकारियों को निवेदन दिए जाते हैं । इस मुहिम में अनेक लोगों ने समिति के उपक्रम की प्रशंसा की है । कुछ प्रशासकीय अधिकारियों ने उस-उस समय अध्यादेश निकालकर, सर्वत्र इस मुहिम को करने के निर्देश दिए ।
इस संदर्भ में विद्यालयों में विविध स्थानों पर लिए गए व्याख्यानों में विद्यार्थियों को हमसे ‘राष्ट्रध्वज का अनादर कैसे हो रहा है ?’, यह ध्यान में आने पर वैसा करना वे टालने लगे । इस मुहिम के अंतर्गत विविध स्थानों पर १५ अगस्त एवं २६ जनवरी के पश्चात, कुछ दिनों तक ये ध्वज एकत्र किए गए । इन एकत्र किए हुए ध्वजों को शासन को जमा कर दिए ।
अनादर रोकने के लिए अन्य स्थानों पर होनेवाले प्रयत्न !
राष्ट्रध्वज छपी हुई ‘टी-शर्ट’की विक्री करनेवालों के विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति ने विविध पुलिस थाने एवं स्थानीय प्रशासन को शिकायत की । इससे अनेक स्थानों पर इसप्रकार की ‘टी-शर्ट’ की विक्री पर प्रतिबंध लगाया गया । इसीप्रकार अन्यत्र भी सामग्री, विज्ञापन इत्यादि द्वारा राष्ट्रध्वज का अवमान हो, तब भी उसे रोकने के लिए समिति सदैव आगे रहती है ।
दृश्यश्रव्यचक्रिका एवं प्रसारमाध्यम द्वारा जनजागृति
१. मुहिम के अंतर्गत प्रबोधन के लिए समिति द्वारा विशेष दृश्यश्रव्य चक्रिका (वीडियो) के तैयार की गई है । उसे विविध चलचित्रगृह (फिल्म थियेटर), विद्यालय, महाविद्यालय, इसके साथ ही अन्य स्थानों पर दिखाई जाती है । इससे भारी मात्रा में जनजागृति होने में सहायता होती है ।
२. मुहिम के अंतर्गत विविध दैनिक, साप्ताहिक, ‘वेब पोर्टल्स’ में जागृति पर लेख देकर समाज में व्यापक स्तर पर जागृति की जाती है । कुछ स्थानों पर आकाशवाणी पर भी विषय बताया गया ।
३. कुछ जिलों में जिलाधिकारियों द्वारा ‘राष्ट्रध्वज का सम्मान रखें’ इस संदर्भ में एक समिति स्थापित की गई । उसमें हिन्दू जनजागृति समिति को निमंत्रित किया गया था । सांगली-कोल्हापुर जैसे जिलों में ‘जिला प्रशासन, प्राथमिक शिक्षा विभाग ने समिति के निवेदन अनुसार कृति करें’, ऐसा आवाहन करनेवाले पत्रक निकाले गए थे ।
४. फेसबुक, ट्वीटर, वॉट्सएप इत्यादि सामाजिक माध्यमों द्वारा राष्ट्रध्वज का सम्मान रखने के विषय में उद्बोधक पोस्ट भेजकर, इसके साथ ही ‘ ट्वीटर ट्रेंड’द्वारा इस विषय का प्रसार किया गया ।
केंद्रीय गृहमंत्रालय से निरंतर अनुवर्ती प्रयास !
‘भारतीय राष्ट्रध्वज’ यह करोडों भारतीयों के लिए अस्मिता का विषय है । कुछ अपवाद छोड उसका अन्य किसी भी बात के लिए उपयोग करना कानूनन संज्ञेय एवं गैरजमानती अपराध हैं । ऐसा होने पर भी इस संवेदनशील विषय को गंभीरता से न लेकर ‘एमेजॉन’, ‘फ्लिपकार्ट’, ‘स्नैपडील’जैसे ‘इ-कॉमर्स’ जालस्थल द्वारा १५ अगस्त एवं २६ जनवरी के निमित्त से भारतीय राष्ट्रध्वज के रंग वाले ‘मास्क’ बनाकर उनकी भारी मात्रा में बिक्री की जा रही है । तब भी उनपर राष्ट्रध्वज का अनादर रोकने के प्रकरण में अपराध प्रविष्ट कर कानूनन कार्रवाई की जाए । इसके साथ ही ऐसे ‘मास्क’की विक्री, उत्पादन एवं वितरण नहीं होगा, इस दृष्टि से शासन तत्काल योग्य कार्यवाही करे । इस मांग के लिए केंद्रीय गृहमंत्रालय से निरंतर अनुवर्ती प्रयास हो रहे हैं ।
‘हिन्दू जनजागृति समिति ’ एक छोटे से संगठन द्वारा राष्ट्रध्वज का अनादर रोकने के लिए अनेक वर्ष सातत्यपूर्ण हुए कार्य को अद्वितीय ही कहना होगा । इस व्यापक जनजागृति द्वारा भारत के राष्ट्रध्वज के विषय में भारतीयों में आदर निर्माण होने पर ध्वज का अनादर सदा के लिए रुक जाएगा, यह निश्चित है !
– श्री. सागर चोपदार, समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति, मुंबई