’महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल’ से हिन्दू जनजागृति समिति की मांग !
सहसंचालक डॉ. वि. मो. मोटघरे का लिखित उत्तर देने का आश्वासन
केवल हिन्दू त्योहारों के समय प्रदूषणविरोधी कानून का दुरुपयोग कर हिन्दुओं से पक्षपात करनेवाले ‘महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल’ के सर्व संबंधित अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों से शीव (मुंबई) के कार्यालय में भेंट की । इस समय ‘हवा प्रदूषण नियंत्रण मंडल’ के सहसंचालक डॉ. वि. मो. मोटघरे को हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. अभिषेक मुरुकटे और श्री. रोहिदास शेडगे ने निवेदन दिया । निवेदन स्वीकारने के उपरांत डॉ. मोटघरे ने आश्वासन दिया कि इस निवेदन पर विस्तृत विचार कर आनेवाले पंद्रह दिनों में लिखित उत्तर देंगे ।
गणेशोत्सव, दीवाली, होली आदि अनेक हिन्दू त्योहारों एवं उत्सवों के समय प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा प्रति घण्टे प्रदूषण का निरीक्षण किया जाता है, उनके ब्योरे बनाए जाते हैं तथा उन्हें जालस्थल पर प्रसारित भी किया जाता है; परंतु वर्ष के 365 दिन प्रतिदिन 5 बार मस्जिदों पर लगे भोंपुओं द्वार प्रचंड ध्वनिप्रदूषण होता है तथा बकरी ईद, मोहर्रम और अन्य धर्मीय अथवा पंथियों के त्योहार तथा उत्सवों के समय बड़ी मात्रा में प्रदूषण होता है । इस दृष्टि से प्रदूषण नियंत्रण मंडल राज्यभर में सर्वेक्षण करे तथा उसके ब्योरे बनाए एवं वे मंडल के जालस्थल पर प्रसारित किए जाएं, ऐसी मांग इस निवेदन में की गई है । इसके साथ ही इस ब्योरे के अनुसार घटे हुए अपराधों पर उचित कानूनी कार्यवाही की जाए, ऐसी मांग भी इस निवेदन में की गई है ।
इस समय सहसंचालक डॉ. वि. मो. मोटघरे के साथ समिति के प्रतिनिधिमंडल की चर्चा हुई । इस समय विधि अधिकारी अधिवक्ता श्रीमती नित्रा चाफेकर, उपप्रादेशिक अधिकारी श्री. जे. एस. हजारे तथा शीव पुलिस थाने के निरीक्षक श्री. सचिन बोराडे भी उपस्थित थे।
वर्ष 2015 से 2021 इन 7 वर्षों की अवधि में ध्वनिप्रदूषण के संबंध में ‘महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल’ ने हिन्दुओं की दहीहंडी, गणेशोत्सव और नवरात्रोत्सव मंडलों पर 230 अभियोग प्रविष्ट किए हैं तथा मुसलमानों पर केवल 22 अभियोग प्रविष्ट हैं । हिन्दू जनजागृति समिति ने सूचना के अधिकारों के अंतर्गत यह जानकारी प्राप्त की थी तथा पत्रकार परिषद लेकर उजागर की थी । इन मांगों की उपेक्षा करने से हमें बाध्य होकर सड़क पर उतरकर आंदोलन छेडना पडेगा, ऐसा संकेत भी प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने अधिकारियों को दिया।