कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सरकार को सीमित अवधि तक धार्मिक गतिविधियों के लिए ईदगाह मैदान का उपयोग करने अनुमति दी
कर्नाटक उच्च न्यायालय की डिविजन बेंच ने आज कर्नाटक सरकार की ओर से इसी न्यायालय के सिंगल बेंच के चमराजपेट मैदान को लेकर दिए गए अंतरिम आदेश की अपील पर सुनवाई करते हुए अंतिम आदेश में बदलाव किया और राज्य सरकार को इस बात की अनुमती दे दी कि वह इस मैदान पर किसी भी तरह के धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम को आयोजित करने के निवेदन पर विचार कर सकती है। लेकिन राज्य सरकार को ये अधिकार 31 अगस्त से एक निश्चित अवधि के लिये प्राप्त होगा। हालांकि डिविजन बेंच ने स्पष्ट किया है कि, इस बदलाव के आलावा, सिंगल बेंच के अंतरिम आदेश में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है।
Big success to Hindus.
A slap to wakf board for the government land grab conspiracy
Today karntaka HC ordered to govt to take decision on celebration of Ganesh Festival in Chamarajpete govt Play ground@SureshChavhanke @vivekagnihotri@RituRathaur@Shubham_fd @KapilMishra_IND pic.twitter.com/czZYV1Hx9l
— ?Mohan gowda?? (@Mohan_HJS) August 26, 2022
गौरतलब है कि, चमराजपेट के इस मैदान पर कई हिन्दू संगठन गणेश उत्सव मनाना चाहते हैं जिसके लिये उन्होंने बेंगलुरु के डेप्युटी कमिश्नर से अनुमती मांगी थी। पर सिंगल बेंच के अंतरिम आदेश के बाद उनके आवेदन का अस्तित्व समाप्त हो गया था। इसीलिए कर्नाटक सरकार ने उच्च न्यायालय की डिविजन बेंच के सामने अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील की थी,अब डिविजन बेंच के आदेश के बाद देखना होगा की कर्नाटक की बीजेपी सरकार क्या फैसला लेती है।
गुरुवार यानी 25 अगस्त को कर्नाटक उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच ने चमराजपेट मैदान को लेकर अंतरिम आदेश पारित किया था जिसमें यथास्थिति बनाये रखने को कहा गया था। और साल में सिर्फ दो मौकों “रमज़ान और बकरीद” के अवसर पर ईद नमाज पढ़ने की अनुमती दी थी। इसके अतिरिक्त इस मैदान पर 26 जनवरी और 15 अगस्त को राष्ट्रीय झंडा फहराने की भी अनुमती दी गई थी। इन गतिविधियों के अलावा ये मैदान सिर्फ खेल का मैदान रहेगा।
दरअसल कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने बीबीएमपी के उस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी,जिसमे बीबीएमपी ने कहा था कि इस मैदान का मालिकाना हक कर्नाटक के राजस्व विभाग का है। वक्फ बोर्ड का दावा है कि, सुप्रीम कोर्ट के 1963 के आदेश के अनुसार यह मैदान सेंट्रल मुस्लिम एसोसिएशन और वक्फ बोर्ड का है।
स्रोत : न्यूज नेशन