गणेशोत्सव में टिकट दरों में भारीभरकम बढोतरी कर ठगनेवाले निजी ट्रैवल्स के विरोध में तत्काल कार्यवाही की मांग !
राज्य परिवहन विभाग के आदेशानुसार निजी ट्रैवल्स एस.टी. बस की दरों से डेढ गुना अधिक दरें वसूल सकते हैं । तब भी गणेशोत्सव के लिए गांव जानेवाले श्रद्धालुओं से निजी ट्रैवल्स टिकट की दुगुनी-तिगुनी दर वसूलकर यात्रियों को ठग रहे हैं । निजी ट्रैवल्स के जालस्थलों पर टिकट की बढी हुई दरें सार्वजनिक रूप से दी गई हैं । इस प्रकार नागरिकों को दिनदहाडे लूटा जा रहा है तथा इस पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है । इसके विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ की ओर से मुंबई के दादर (पूर्व) स्थित निजी ट्रैवल्स के बुकिंग सेंटर के बाहर आंदोलन किया गया । इस आंदोलन में श्रद्धालुओं को लूटनेवाले निजी ट्रैवल्स के विरोध में कठोर कार्यवाही की मांग की गई ।
खाजगी ट्रॅव्हल्स कंपन्यांकडून होणारी लूटमार बंद करा! @msrtcofficial
?श्रीगणेश उत्सवानिमित्त खाजगी बस कडून अव्वाच्या सव्वा बसभाडे आकारणी विरोधात
?जाहीर आंदोलन घेण्यात आले? सुराज्य अभियान, @HinduJagrutiOrg
समाजकल्याणकारी उपक्रम @SurajyaCampaign pic.twitter.com/xIKrQuVbVC— HJS Mumbai (@HJSMumbai) August 28, 2022
निजी ट्रैवल्स की दरों में बढोतरी के विरोध में राज्य परिवहन विभाग तथा पुलिस में शिकायत करनेवाले श्री. अभिषेक मुरकुटे, हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. सतीश कोचरेकर सहित समिति के कार्यकर्ता तथा यात्री सम्मिलित हुए, इस समय आंदोलनकारियों ने नारे लगाते हुए, हाथ में फलक लेकर निजी ट्रैवल्स के विरोध में तत्काल कार्यवाही करने की मांग की ।
टिकटों की दरों में नियमबाह्य बढोतरी कर यात्रियों को लूटनेवाले निजी ट्रैवल्स पर अभी लागू नियमों के अनुसार प्रतिबंधात्मक तथा दंडात्मक कार्यवाही की जाए । ऐसा करने पर भी पुनः इसी प्रकार का अपराध किए जाने पर इस प्रकरण में भारतीय दंड संहिता की धारा 406 तथा 420 के अंतर्गत धोखाधडी का अपराध प्रविष्ट किया जाए । निजी ट्रैवल्स द्वारा किया जा रहा आर्थिक शोषण रोकने हेतु नया कानून बनाया जाए, निजी ट्रैवल्स की गाडियों के बुकिंग सेंटर तथा गाडियां जहां से निकलती हैं, वहां शासन द्वारा निश्चित की गई दरों के अनुसार निजी ट्रैवल्स अधिकतम कितनी दरें वसूल सकता है, इसके फलक दर्शनीय भाग में लगाए जाएं । महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल तथा मोटर वाहन विभाग के जालस्थल पर नागरिकों की सुविधा के लिए ‘हेल्पलाईन’ क्रमांक दिए जाएं आदि विविध मांगें भी इस आंदोलन में की गईं ।