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कम्युनिस्ट सरकारों ने प्रत्येक स्थान पर हिन्दू मंदिरों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया – सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा

नई दिल्ली – सर्वोच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा का एक पुराना वीडियो सामाजिक माध्यमों पर निरंतर चलाया जा रहा है । इसमें वे कह रही हैं कि ‘साम्यवादी (कम्युनिस्ट) सरकारों ने हिन्दू मंदिरों पर नियंत्रण कर लिया है ।’ इंदु मल्होत्रा एवं वर्तमान मुख्य न्यायाधीश उदय ललित ने केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर से संबंधित एक आदेश दिया था। उन्होंने उसी पृष्ठभूमि में यह वक्तव्य दिया था । इस वीडियो की कम्युनिस्टों ने यह कहते हुए आलोचना की है कि ‘जब प्रकरण उनके पास जाते होंगे तो वे कैसा पक्षपात करती होंगी ?’ किन्तु कई लोगों ने इंदु मल्होत्रा के साहस की सराहना की है।

साम्यवादी सरकारें केवल राजस्व में वृद्धि हो, इसके कारण मंदिरों पर नियंत्रण करना चाहती हैं !

इंदु मल्होत्रा ने इस वीडियो में कहा कि इन साम्यवादी सरकारों के साथ ऐसा होना चाहिए। ये लोग केवल राजस्व एकत्रित करना चाहते हैं । ये मंदिरों को नियंत्रित करना चाहते हैं, क्योंकि वहां से बहुत बडी राशि राजस्व के रूप में प्राप्त होती है । उन्होंने प्रत्येक स्थान पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है। उसमें भी केवल हिन्दू मंदिरों को नियंत्रित किया गया है। अत: प्रमुख न्यायाधीश न्यायमूर्ति ललित एवं मैंने उन्हें ऐसा करने से रोका।

पद्मनाभस्वामी मंदिर से जुड़ा ऐतिहासिक निर्णय !

इंदु मल्होत्रा जिस निर्णय की बात कर रही हैं, वह १३ जुलाई २०२० को ‘श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और संपत्ति के अधिकार’ पर दिया गया था । इसमें न्यायालय ने श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन के त्रावणकोर राज परिवार के अधिकार को अचल किया था ।

कौन हैं इंदु मल्होत्रा ?

इंदु मल्होत्रा सर्वोच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति के पद पर नियुक्त होनेवाली पहली अधिवक्ता हैं । वे केरल के सबरीमाला मंदिर के निर्णय में एकमात्र न्यायाधीश थीं, जिन्होंने १० से ५० वर्ष की आयु की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति देने के बदले में धार्मिक परम्पराओं के संरक्षण को स्थिर रखा था ।

स्रोत : ऑप इंडिया

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