नई मुंबई के चर्चप्रणीत आश्रमशालाओं में लडकियों का लैंगिक शोषण होने का प्रकरण !
मुंबई – नई मुंबई के ‘बेथेल गॉस्पेल चैरिटेबल ट्रस्ट’ चर्च के अंतर्गत आनेवाली आश्रमशालाओं में अनेक अल्पवयीन लडकियों पर अत्याचार होने के प्रकरण में दोषियों को बंदी बनाया गया है । ऐसी घटनाएं अन्य चर्चप्रणीत आश्रमशालाओं एवं छात्रावासों में तो नहीं हो रही हैं, इसकी सखोल जांच की जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने आदिवासी विकासमंत्री डॉ. विजयकुमार गावित से की । उस पर उन्होंने आदिवास विकास विभाग के राज्य के सचिव को राज्य की सभी आश्रमशालाएं एवं छात्रावासों की जांच करने के आदेश दिए हैं ।
१. देश में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाते समय महाराष्ट्र को कलंकित करनेवाली घटना सामने आई । नई मुंबई के ‘बेथेल गॉस्पेल चैरिटेबल ट्रस्ट’के चर्च के अंतर्गत आनेवाली आश्रमशाला में अनेक लडकियों पर वहां के फादर येशूदासन ने लैंगिक अत्याचार किए । इस विषय में तीव्र संताप व्यक्त हो रहा है ।
२. नई मुंबई के फादर येशूदासन के साथ अन्य जो कोई भी दोषी हो, उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए, ऐसे चर्चप्रणीत आश्रमशालाओं की पंजीयन (registration) निरस्त करना, उसकी जांच के लिए लोकप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्था, पत्रकार, पुलिस की महिला प्रतिनिधियों की एक समिति नियुक्त की जाए आदि मांगें की गईं ।
३. ‘राज्य में आदिवासियों का भारी मात्रा में धर्मांतर हो रहा है । पालघर जिले के साथ अहमदनगर एवं संभाजीनगर जिलों में धर्मांतर की घटनाएं उजागर हुई हैं । इसके साथ ही निवृत्त न्यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी समिति ने वर्ष २०१४ में महाराष्ट्र शासन को धर्मांतरविरोधी कानून बनाने की अनुशंसा (सिफारिश) की है । उसकी कार्यवाही होने के लिए संबंधित विभाग को पत्रव्यवहार करने की मांग भी आदिवासी विकासमंत्री ने मान्य की । इस अवसर पर आदिवासियों का धर्मांतर न हो, इसके साथ ही आदिवासियों की आर्थिक सहायता करने के लिए आदिवासी विभाग प्रयत्नशील होगा’, ऐसा भी मंत्री डॉ. गावित ने कहा ।