मुंबई – पालघर जिले के डहाणू के पीछे-पीछे अब नगर जिले में भी आदिवासी महिलाओं के धर्मांतरण की धक्कादायक घटना उजागर हुई है । कुछ समय पूर्व ही संभाजीनगर में भी एक पादरी ‘उपचार सभा’में गंभीर रोग ठीक करने का दावा खुले आम करता हुआ दिखाई दिया । धर्मपरिवर्तन की ये घटनाएं हिमनग का केवल शिखर हैं । राज्य में भारी मात्रा में छिपी पद्धति से धर्मपरिवर्तन की घटनाएं हो रही हैं । इस संदर्भ में निवृत्त न्यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी की समिति ने २९ नवंबर २०१४ को महाराष्ट्र शासन से ‘धर्मांतरणविरोधी कानून’ बनाने की अनुशंसा की थी । इस अनुशंसानुसार शासन को यथाशीघ्र कार्यवाही कर, राज्य में कठोर ‘धर्मांतरण प्रतिबंध कानून’ लागू करे, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से शिवसेना एवं भाजप इन पक्षों के विधायक एवं मंत्रियों से मिलकर की है । इस अवसर पर शिवसेना एवं भाजप, इन पक्षों के विधायकों ने आश्वासन दिया है कि वे धर्मांतरण बंदी कानून बनाने के लिए सरकार से मांग करेंगे ।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्यों के संगठक श्री. सुनील घनवट ने शिवसेना के विधायक सर्वश्री चिमणराव पाटील, सुहास कांदे, गजानन बाबर, श्रीनिवास वनगा, उत्पादन शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई, इनके साथ ही भाजप के विधायक सर्वश्री नीतेश राणे, सुरेश धस, अतुल भातखळकर, राम सातपुते, सुभाष देशमुख, सुनील कांबळे, राजेश पाडवी, भीमराव तापकीर, देवराव होळी को धर्र्मांतर बंदी कानून बनाने के विषय में निवेदन दिया गया । इस अवसर पर अनेक विधायकों ने आश्वासन दिया कि वे यह विषय विधिमंडल में लक्ष्यवेधी सूचनाओं के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे, इसके साथ ही अपना स्वयं का पत्र देकर सरकार को कानून बनाने के लिए कहेंगे ।