भोर (पुणे) – गणेशोत्सव में तथाकथित जलप्रदूषण का कारण बताकर ‘कृत्रिम तालाब’ एवं ‘श्री गणेशमूर्तिदान’ ऐसी अशास्त्रीय संकल्पना कार्यान्वित कर श्री गणेशमूर्ति का घोर अनादर रोकने के विषय में, इसके साथ ही ‘राष्ट्रीय हरित लवादा’के आदेशानुसार कागदी लुगदी से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्तियों को प्रोत्साहन न देने के विषय में, इसके साथ ही बिक्री एवं विसर्जन पर प्रतिबंध लगाने के विषय में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से भोर के नायब तहसीलदार मनोहर पाटील को निवेदन दिया गया । सरकार का आदेश कि ‘गणेशमूर्ति शाडू मिट्टी की ही होनी चाहिए’, वह उन्हें दिखाया । इसके साथ ही गणेशोत्सव मंडल, मंडप, सजावट एवं शोभायात्रा के विषय में शासन की मार्गदर्शक सूचना की प्रत भी उन्हें दी । इस अवसर पर श्री. भोर ने कहा, ‘यह अच्छा उपक्रम है । इस काल में कहीं भी कुछ त्रुटियां दिखाई दे रही हों अथवा कुछ गलत लग रहा हो, तो हम प्रशासन एवं पुलिस के निदर्शन में लाएं । इसविषय में हम अवश्य कार्यवाही करेंगे’, ऐसा आश्वासन दिया ।
इस अवसर पर व्यसनमुक्ति युवक संघ के पांडुरंग पाटील, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के रोहित देशमाने एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री विश्वजीत चव्हाण, श्री. अशोक बारीक उपस्थित थे ।