‘कृत्रिम तालाब’ एवं ‘गणेशमूर्तिदान’ ऐसी अशास्त्रीय संकल्पना कार्यान्वित कर गणेशमूर्ति का घोर अनादर रोकें !
कागदी लुगदी की श्री गणेशमूर्ति की बिक्री एवं विसर्जन पर प्रतिबंध लगाएं !
पुणे – गणेशोत्सव में तथाकथित जलप्रदूषण का कारण बताकर ‘कृत्रिम तालाब’ एवं ‘गणेशमूर्तिदान’, ऐसी अशास्त्रीय संकल्पना कार्यान्वित कर, उस माध्यम से होनेवाली गणेशमूर्तियों को घोर अनादर रोका जाए । इसके साथ ही ‘राष्ट्रीय हरित लवादा’के आदेशानुसार कागदी लुगदी से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्तियों को प्रोत्साहन न दिया जाए एवं इस पार्श्वभूमि पर उनकी बिक्री एवं विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया जाए, ऐसी मांग करनेवाला निवेदन हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पुणे एवं पिंपरी चिंचवड प्रशासन एवं महानगरपालिका प्रशासन को दिए गया ।
सकारात्मक रहकर कार्यवाही करूंगा ! – उपायुक्त, सामान्य प्रशासन विभाग, पुणे
यह निवेदन पुणे महानगरपालिका आयुक्तों को दिया गया । सामान्य प्रशासन विभाग के उपायुक्त सचिन इथापे ने यह निवेदन स्वीकार लिया और कहा, ‘इस विषय में सकारात्मक रहकर कार्यवाही करूंगा ।’
ये निवेदन उपायुक्त, पर्यावरण विभाग, पुणे महानगरपालिका के कार्यालय में भी दिए गए ।
पुणे के निवासी उपजिलाधिकारी एवं अपर जिलादंडाधिकारी संजय तेली को भी निवेदन दिया गया । इस अवसर पर समिति के श्री. कृष्णाजी पाटील, इसके साथ ही धर्मप्रेमी सर्वश्री गोपाल शिंदे, अंकुश जगताप, विपुल मांडके, दत्तात्रय कुलकर्णी, कु. अनुष्का घाडगे, कु. आकांशा घाडगे आदि उपस्थित थे ।
पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका आयुक्त शेखर सिंह को निवेदन प्रस्तुत !
पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका आयुक्त शेखर सिंह को २९ अगस्त को निवेदन दिया गया । सिंह ने ‘कागदी लुगदी से गणेशमूर्ति बनाना यह अशास्त्रीय कैसे है’, इसके साथ ही ‘ऐसी मूर्ति के विसर्जन से जलप्रदूषण कैसे होता है, इस संदर्भ में राष्ट्रीय हरित लवादा द्वारा किए गए निरीक्षण’ के संदर्भ में जानकर लिया । इस अवसर पर समिति के सर्वश्री शैलेश येवले एवं रघुनाथ ढोबळे उपस्थित थे ।